सिटी पोस्ट लाइव :पटना के सिविल सर्जन कार्यालय में PPE किट जलाने का मामला सामने आया है.किसके निर्देश पर ये हुआ कोई बताने को तैयार नहीं. सिविल सर्जन कार्यालय के मुख्य गेट के बाहर ही PPE किट को जलाया जा रहा है. यह वहीँ PPE किट है, जिसे पहनकर संदिग्ध मरीजों के पास जाया जाता है. एम्बुलेंस चालक ही इसे गेट पर फेंकते और जलाते हैं और जिम्मेदार इसे नगर निगम कर्मियों का बताते हैं. कुछ दिन पहले ही शास्त्री नगर शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में RT-PCR का सैम्पल जलाने का मामला सामने आया था.अभी जांच चल ही रही है इस बीच सिविल सर्जन कार्यालय का नया मामला सामने आ गया है.
ऑक्सीजन का मोल लोगों को कोरोना काल में समझ में आ गया. एक-एक सांस के लिए लोग तड़प रहे थे और ऑक्सीजन सिलेंडर नहीं मिल रहा था. कोरोना काल में ऑक्सीजन की मारामारी के बाद भी स्वास्थ्य महकमे को इसकी अहमियत अभीतक समझ में नहीं आई है. PPE किट को जलाकर प्राकृतिक ऑक्सीजन पर संकट खड़ा किया जा रहा है. इसमें ऐसे केमिकल होते हैं, जो कार्बन के साथ जहरीली गैस निकालते हैं. इससे खुले में PPE किट फेंकने और जलाने से एक तरफ तो संक्रमण का खतरा है, दूसरी तरफ प्रकृतिक ऑक्सीजन पर खतरा .
पटना के शास्त्री नगर शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर बिना जांच किए RT-PCR किट को जलाने के मामले की अभी जांच चल रही है. यहां बिना जांच के सैम्पल जलाने के साथ PPE किट और मेडिकल वेस्ट जलाया जाता है. इस मामले में अभी DM की जांच चल ही रही है कि नया मामला सिविल सर्जन कार्यालय का आ गया है. इस मामले में जब सिविल सर्जन डॉक्टर विभा कुमारी से सवाल किया गया तो उनका कहना है कि उनके कार्यालय के पास नगर निगम वाले PPE किट फेंक जाते हैं. बात जब मेडिकल वेस्ट के ट्रीटमेंट की आई तो वह चुप्पी साध गईं। उनका कहना है कि मामले की जांच चल रही है. अब सवाल यह है कि जहां नियम की निगरानी होती है, वहीं नियम को कैसे जलाया जा रहा है.