बिजली विभाग न तो ट्रांसमिशन के दौरान होनेवाले बिजली के नुकशान को रोक पा रहा है और ना ही बिजली चोरी रोक पा रहा है.जरुरत भी नहीं है क्योंकि इसकी भरपाई बिजली बिल के दर में ईजाफा कर आपसे( उपभोक्ताओं) वसूल लिया जा रहा है.पेश है सोमनाथ की एक ख़ास रिपोर्ट –
सिटीपोस्टलाईव:बिहार के बिजली उपभोक्ता क्या आपको पता ही कि हर साल बिजली बिल की रकम में क्यों ईजाफा हो रहा है ?दरअसल बिजली विभाग की लापरवाही की कीमत आपसे वसूली जा रहा है. बिहार में बिजली की मांग और खपत के साथ-साथ चोरी भी बढ़ गई है.इतना ही नहीं ट्रांसमिशन के दौरान ही एक तिहाई बिजली रास्ते में बेकार बह जाती है. सरकारी आंकड़ों के अनुसार बिहार में एग्रिगेट टेक्निकल एंड कॉमर्शियल लॉस कुल 32 फीसद है.
बिहार की दोनों बिजली वितरण कंपनियों के घाटे में चलने की बड़ी वजह एटी एंड सी लॉस है और आपके बिजली बिल बढ़ने की वजह भी . ऊर्जा विभाग के आंकड़े के मुताबिक हर साल बिहार में अरबों रुपये की बिजली चोरी होती है.ऊर्जा विभाग ने वितरण कंपनियों की एटी एंड सी लॉस की भरपाई के लिए चालू वित्तीय वर्ष में 868.88 करोड़ रुपये का प्रावधान किया है, जिसका भुगतान प्रत्येक माह 80.74 करोड़ रुपये की दर से किया जाना है. पिछले वर्ष इसी मद में यह राशि 1476 करोड़ दी गई थी.
बिजली विभाग न तो ट्रांसमिशन के दौरान होनेवाले बिजली के नुकशान को रोक पा रहा है और ना ही बिजली चोरी रोक पा रहा है.जरुरत भी नहीं है क्योंकि इसकी भरपाई बिजली बिल के दर में ईजाफा कर आपसे( उपभोक्ताओं) वसूल लिया जा रहा है. चालू वित्तीय वर्ष में दोनों वितरण कंपनियों में एटी एंड सी लॉस 29 एवं 23.50 फीसद तक होने का अनुमान है. दो वर्ष पहले साउथ बिहार का 44.32 और नार्थ बिहार का 34.20 फीसद लॉस था, जिसे तमाम कोशिश के वावजूद भी औसतन 36.75 फीसद से नीचे नहीं लाया जा सका है
इस साल नुकसान की संभावना और आयोग के टारगेट के अंतर को पाटने के लिए दोनों वितरण कंपनियों को 968.88 करोड़ रुपये दिए गए हैं, जो पिछले वर्ष के 1476 करोड़ रुपये की तुलना में 507.12 करोड़ कम है.जाहिर है इस कमी की भरपाई आप उपभोक्ताओं को ही करनी पड़ेगी.
सोमनाथ .