सिटी पोस्ट लाइव : एकबार गर्म तवा भी चूल्हे से उतार दो तो वो ठंडी हो जाती है. लेकिन सियासत ही एकलौती ऐसी चीज है जो कभी ठंडी नहीं हो सकती. अभी थोड़े दिन पहले जहां विधानसभा चुनाव को लेकर राजनीति गर्म थी तो वहीं विधानसभा अध्यक्ष चुनाव पर उठे सियासी उवाल ने रंग लेना शुरू कर दिया है. दरअसल कथित वायरल लालू प्रसाद यादव के ऑडियो को लेकर अब बिहार के उपमुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद झारखंड सरकार को पत्र लिखेंगे. इसे लेकर तारकिशोर प्रसाद ने कहा कि लालू द्वारा बीजेपी विधायक को फोन कर सदन में अनुपस्थित रहने की बात संबंधी प्रलोभन देना गंभीर मामला है. जेल में रहते हुए लालू प्रसाद यादव फोन कैसे कर सकते हैं?
इसलिए वे इस मामले की जांच के लिए झारखंड सरकार को पत्र लिखेंगे. चूंकि फोन झारखंड से हुआ है इसलिए झरखंड सरकार को कार्रवाई करनी चाहिए. अगर झारखंड सरकार कार्रवाई नहीं करती है तो हम केंद्र का भी रुख कर सकते हैं और सीबीआई जांच की भी मांग कर सकते हैं. लालू पर सवाल खड़ा करते हुए कहा कि लालू दलित-पिछडों के हक की बात करते हैं पर भड़काने के लिए एक दलित पिछड़ा वर्ग के नेता ललन पासवान को ही उन्होंने चुना.
दरअसल 2020 के विधानसभा चुनाव में भागलपुर की पीरपैंती सीट से चुनकर आए ललन पासवान का दावा है कि उन्होंने लालू प्रसाद के उस प्रस्ताव को ठुकराया है जिसमें लालू प्रसाद ने उन्हें राजद का साथ देने की बात कही थी. पासवान ने कहा कि लालू यादव ने उन्हें कहा कि कल स्पीकर चुनाव में हमारा साथ दो. हम तुम्हारी मदद करेंगे. इतना ही नहीं पासवान ने दावा किया है कि लालू यादव ने उन्हें ये भी कहा कि समर्थन नहीं कर सकते तो अनुपस्थित हो जाओ. जिससे उनका मत कम होगा और हमारा स्पीकर चुना जायेगा. जाहिर है ये एक वायरल ऑडियो है जिसकी पुष्टि हम नहीं करते. लेकिन ललन पासवान द्वारा और सुशील मोदी के आरोप ने सियासत को गर्म जरुर कर दिया है.