सिटी पोस्ट लाइव: भाजपा प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल ने नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव पर हमला कर दिया है. दरअसल, कुछ दिन पहले तेजस्वी यादव ने आरक्षित और अनारक्षित वर्ग के विद्यार्थियों के कट ऑफ मार्क्स को लेकर आपत्ति जताई थी. वहीं अब इसे लेकर संजय जायसवाल ने हमला बोलते हुए कहा कि, बीपीएससी का रिजल्ट देख कर हमारे नवीं पास नेता जी को पेट में जबरदस्त दर्द हो रहा है. उनकी पीड़ा यह है कि पिछड़ों का कट ऑफ मार्क सामान्य वर्ग के बराबर कैसे हो गया. कह रहे हैं कि फिर रिजर्वेशन से क्या फायदा है. अर्थात 9वी पास नेता जी बहुत खुश होते कि अगर सामान्य वर्ग के 535 के बदले पिछड़े वर्ग का 250 पर सेलेक्शन होता. इनके पिता जी ने बहुत मेहनत से चरवाहा विद्यालय बनाया था और जीवन भर पिछड़ों को लाठी में तेल पिलाने की ही राजनीति समझाए.
पढ़ाई के मामले में भी वह अपने समय के सरकारी नौकरियों की तरह पक्के नहीं काम करने वाले समाजवादी थे न वे चाहते थे कि बिहार के बेटे पढ़ाई करें और ना ही उन्होंने अपने बेटों को पढ़ाया. आज जब गरीब पिछड़ों के बेटे सामान्य वर्ग के बराबर पहुंच गए हैं तो इनको अपना राजनैतिक भविष्य समाप्त होता दिख रहा है. आज अनुसूचित जनजाति के बच्चे 514 और अनुसूचित जाति के बच्चे भी 490 अंक पर चयनित होकर सभी वर्गों के पास पहुंच चुके हैं.
यही बाबा साहब भीमराव आंबेदकर जी का सपना था जिसको आज के युवा जमीन पर उतार रहे हैं. मेडिकल परीक्षा में 80 के दशक में 20% आरक्षण लड़कियों के लिए होता था और सामान्य वर्ग और अनुसूचित जाति वर्ग में लगभग 40% नंबर का अंतर था. 90 के दशक में मेडिकल कॉलेज में स्थितियां ऐसी हो गई कि महिलाओं का आरक्षण 20% से घटाकर 3% करना पड़ा क्योंकि बेटियां 65% सीटों पर हो जाती थीं.
आज यह देखना बहुत ही सुखद है कि सामान्य वर्ग और पिछड़ा वर्ग का एक बराबर कट ऑफ लिस्ट है. अनुसूचित जाति वर्ग भी थोड़े ही अंतर पर खड़ा है. अगले 5 सालों में यह भी खत्म हो जाएगा. बाबा साहब अंबेडकर जी को सच्ची श्रद्धांजलि तभी होगी जब अनारक्षित अथवा आरक्षित वर्ग के बच्चे एक बराबर कट ऑफ मार्क लेकर इस देश को आगे बढ़ाएंगे. हां इससे केवल जाति के नाम पर वैमनस्य फैलाने की राजनीति करने वाले नेतागण सदा के लिए समाप्त अवश्य हो जाएगें.