सिटी पोस्ट लाइव : मुख्यमंत्री के जल-जीवन-हरियाली अभियान के तहत अब तक 11,236 तालाबों का जीर्णोद्धार किया जा चुका है. इनमें कई बड़े आकार वाले तालाब भी शामिल हैं. बहुत सारे तालाब मनरेगा के माध्यम से भी नए सिरे से विकसित हुए हैं. इनकी सैरात के रूप में बंदोबस्ती भी हुई है. इन तालाबों के रख रखाव के लिए ग्रामीण विकास विभाग को अपने स्तर से पालिसी बनानी है. तालाब का अतिक्रमण नहीं हो उनका भी नियमित रूप से रख रखाव होता रहे इसके लिए योजना बनाई जा रही है. तालाब में कोई कूड़ा-कचरा या अन्य अपशिष्ट नहीं फेंके इसके लिए भी तालाब के रख-रखाव नीति में प्राविधान किया जाएगा.
नए विकसित व जीर्णोद्धार के बाद नए सिरे से अस्तित्व में आए तालाब, सार्वजनिक कुंआ व सोख्ता आदि के रख-रखाव के लिए संबंधित विभाग के स्तर पर पालिसी बनायी जाएगी.जल-जीवन-हरियाली के तहत हाल के दिनों में जिन संरचनाओं का निर्माण जिस महकमे की देखरेख में हुआ है उसके रख-रखाव की जिम्मेवारी संबंधित विभाग की होगी.जल-जीवन-हरियाली अभियान के तहत अब तक अब तक 1.18 लाख चापकलों के समीप सोख्ता का निर्माण कराया जा चुका है. इसके पीछे यह तकनीक है कि चापाकल से निकला पानी सीधे सोख्ता में जाए, जिससे भूजल स्तर ठीक रहे. सोख्ता का रख-रखाव स्थानीय स्तर पर एक नीति के माध्यम से जिला प्रशासन कराएगा.
34852 कुंओं का जीर्णोद्धार किया गया है. ये सार्वजनिक कुएं हैं जिनके रख रखाव के लिए नीति बनाकर इनके नियमित रूप से इनका रख रखाव की व्यवस्था की जायेगी. चेक डैम के रख रखाव के लिए जल संसाधन विभाग को नीति बनाने का निर्देश दिया गया है. रेनवाटर हार्वेस्टिंग के तहत बनी संरचना के रख रखाव की जिम्मेदारी उस महकमे को दी जानी है जिसके द्वारा उसका निर्माण कराया गया है.