गृह विभाग का आदेश नहीं मान रहा पुलिस मुख्यालय, जानें पूरा मामला

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सिटी पोस्ट लाइव : बिहार पुलिस में योग्य अधिकारियों को भले प्रोन्नति न मिले, दागियों को जरुर मिल जाती है.ये खुलासा गृह विभाग के द्वारा डीजीपी को लिखे गए पत्र से हुआ है.सबसे ख़ास बात बारबार गृह विभाग के रिमाइंडर देने के वावजूद दागी पुलिस पदाधिकारी को प्रोन्नति देने वाले अफसर पर 6 महीने के बाद भी बिहार पुलिस मुख्यालय ने कोई कार्रवाई नहीं की है. पूरा मामला एक पुलिस अवर निरीक्षक से जुड़ा है जिसे प्रोमोशन देकर पहले इंस्पेक्टर और फिर बाद में डीएसपी बना दिया गया.इस मामले को लेकर गृह विभाग लगातार डीजीपी (Bihar Police DGP) को पत्र लिखकर अद्यतन जानकारी मांग रहा है मगर पुलिस मुख्यालय की तरफ से कार्रवाई से जुड़ी किसी भी तरह की जानकारी गृह विभाग से शेयर नहीं की जा रही है.

खबर के अनुसार पुलिस पदाधिकारी त्रिपुरारी प्रसाद की प्रोन्नत्ति से जुड़ा हुआ है. गृह विभाग की मानें तो साल 2006 में निगरानी थाने में कांड दर्ज होने के बावजूद तत्कालीन पुलिस अवर निरीक्षक त्रिपुरारी प्रसाद को प्रोन्नति दे दी गई थी. त्रिपुरारी प्रसाद पहले इंस्पेक्टर बनाए गए और फिर बाद में प्रोन्नति पाकर वे डीएसपी के रैंक तक पहुंच गए थे. जब मामला गृह विभाग के संज्ञान में आया तब विभाग ने इस पर आपत्ति जताई और पुलिस मुख्यालय से इस अनियमितता को लेकर जवाब तलब किया. गृह विभाग द्वारा डीजीपी एसके सिंघल को पत्र लिखकर स्पष्ट निर्देश दिया गया कि त्रिपुरारी प्रसाद को पुलिस अवर निरीक्षक से पुलिस निरीक्षक में प्रोन्नति को रद्द किया जाए, इसके साथ ही विभाग ने दागी पुलिस पदाधिकारी को प्रोन्नति देने के लिए जिम्मेवार पुलिस पदाधिकारी की पहचान करने और उनके विरुद्ध कड़ी अनुशासनिक कार्रवाई करने को कहा.

गृह विभाग ने मामला संज्ञान में आने के बाद सबसे पहले पिछले 22 जुलाई को कार्रवाई से जुड़ा पत्र बिहार पुलिस मुख्यालय को लिखा. इसके बाद गृह विभाग द्वारा रिमाइंडर भी भेजा गया. 5 नवंबर को पहला और 14 दिसंबर को दूसरा रिमाइंडर भी भेजा गया. कार्रवाई नहीं होने पर फिर से पिछले 17 फरवरी को गृह विभाग ने डीजीपी को तीसरा रिमाइंडर भेजा है. डीजीपी को इस मामले में दोषी पदाधिकारी पर कार्रवाई कर इससे जुड़ी रिपोर्ट गृह विभाग को भेजने का निर्देश दिया गया है.

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