सिटी पोस्ट लाइव : केंद्र सरकार से अपनी मांगे मनवाने के लिए उत्तराखंड के हरिद्वार से चली किसान क्रांति यात्रा अब दिल्ली में प्रवेश कर चुकी है। भारतीय किसान यूनियन के द्वारा किए जा रहे इस यात्रा में लगभग थे 50 हजार किसान शामिल है। ये सभी किसान मंगलवार 2 ऑक्टूबर को दिल्ली में महात्मा गांधी की समाधि राजघाट जाने पर अड़े हुए थे। इस यात्रा को रोकने के लिए दिल्ली पुलिस ने अपनी पूरी ताकत लगाते हुए इसे दिल्ली -उत्तर प्रदेश के बॉर्डर पर ही रोक दिया था लेकिन देर रात 1 बजे के लगभग किसानों को दिल्ली स्थित राजघाट जाने की अनुमति मिल गई।
गौरतलब है कि कर्जमाफी और बिजली बिल के दाम को कम करने की मांगों को लेकर किसान क्रांति यात्रा 23 सितंबर को हरिद्वार से शुरू हुई थी।जिसके बाद पश्चिमी उत्तर प्रदेश होते हुए ये यात्रा सोमवार को दिल्ली व गाजियबाद को जोड़ने वाली NH-24 तक पहुँच गई। इस किसान पदयात्रा में शामिल लोगों की योजना गांधी जयंती के मौके पर राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी के समाधी स्थल राजघाट से संसद भवन तक मार्च करने की थी। जिसे दिल्ली पुलिस के द्वारा यूपी-दिल्ली बॉर्डर पर ही रोक दिया गया। दिल्ली पुलिस ने इस यात्रा को दिल्ली में आने से रोकने के लिए दिल्ली-यूपी बॉर्डर को पूर्णतः सील कर दिया था । साथ ही बड़ी संख्या में सुरक्षाबल तैनात किए गए थे। इसके साथ ही पुलिस ने ऐहतियातन पूर्वी दिल्ली में धारा 144 लागू कर दिया ।
इस यात्रा को पुलिस के द्वारा रोके जाने के बाद किसानों ने यूपी -दिल्ली बॉर्डर पर लगाए पुलिस के सभी बेरिकेट्स तोड़ते हुए दिल्ली की ओर कूच करने लगे जिसको रोकने के लिए पुलिस ने भारी बल का प्रयोग किया। किसनो की भारी संख्या होने के कारण पुलिस उन्हें रोकने मे असफल दिखाई पड़ रही थी जिसके बाद पुलिस ने हवाई फायरिंग, आंसू गैस के गोले और तेज़ पानी की बौछार का प्रयोग किया। पुलिस द्वारा किए गए कारवाई में कई किसानों को गंभीर चोटें भी आई। घायल किसानों की तस्वीर सोशल मीडिया पर वायरल होने लगी। जिसके बाद प्रशासन द्वार किए गए करवाई के लिए सरकार की चौतरफा आलोचना होने लगी।
केंद्र सरकार हर हाल में किसानो को दिल्ली में आने से रोकना चाहती है, सरकार चाहती थी कि इस मामले को सीमा पर ही सुलझा लिया जाए लेकिन चौतरफा हो रहे आलोचना को देख गृह मंत्री राजनाथ सिंह और किसान मंत्री राधा मोहन सिंह समेत केंद्र के अन्य कई दिग्गज मंत्रियों को डैमेज कंट्रोल की रणनीति बनाने में लगाया गया। जिसके बाद किसानों को देर रात 1 बजे के लगभग राजघाट जाने की अनुमति दे दी गई।इस से पहले गृह मंत्री राजनाथ सिंह के घर पर हुए किसान नेताओं के बैठक में किसानों 9 में से 7 मांगो पर सहमति बन गई थी।
रिपोर्ट: नई दिल्ली, आशुतोष झा