मुख्य सचिव की कुर्सी संभालने के बाद भी उन्होंने कहा था कि राज्य की स्वास्थ्य व्यवस्था को दुरुस्त करना उनकी पहली प्राथमिकता है.इसकी शुरुवात उन्होंने शनिवार को पीएमसीएच के के प्राचार्य और अधीक्षक के तबादले के साथ कर दी.एकसाथ दोनों के तबादले को लेकर पीएमसीएच के डाक्टरों के बीच मची हडकंप .
सिटी पोस्ट लाईव :अपना कार्यभार संभालने के साथ ही मुख्य सचिव दीपक कुमार ने सबसे पहले स्वास्थ्य विभाग की सेहत सुधारने का काम शुरू कर दिया है.गौरतलब है कि दीपक कुमार बिहार के स्वास्थ्य विभाग के प्राधान सचिव का कार्य भार भी पहले संभाल चुके हैं.उन्हीं के कार्यकाल में स्वास्थ्य विभाग में आमूलचूल परिवर्तन हुए थे.मुख्य सचिव की कुर्सी संभालने के बाद भी उन्होंने कहा था कि राज्य की स्वास्थ्य व्यवस्था को दुरुस्त करना उनकी पहली प्राथमिकता है.इसकी शुरुवात उन्होंने शनिवार को पीएमसीएच के के प्राचार्य और अधीक्षक के तबादले के साथ कर दी.शनिवार को एकसाथ पीएमसीएच के प्राचार्य डॉक्टर विजय कुमार गुप्ता और अधीक्षक दीपक टंडन को हटा दिया गया. उनके स्थान पर तेज तरार्र डॉक्टर अजीत वर्मा को प्राचार्य बनाया गया है.वहीं राजीव रंजन प्रसाद को अधीक्षक बनाया गया है.
गौरतलब है कि पीएमसीएच की व्यवस्था को लेकर ढेर सारी शिकायतें आ रही थीं लेकिन कोई कारवाई नहीं हो रही थी.मरीजों की शिकायत थी कि समय पर ना तो डॉक्टर आते हैं और ना ही निशुल्क उन्हें कोई दवाएं उन्हें मिलती हैं.डॉक्टर हमेशा बाहर से दवाएं खरीदने के लिए कहते हैं. इस तरह की शिकायतें आम हो गई थीं.लेकिन स्वास्थ्य विभाग की तरफ से इसे सुधारने के लिए कुछ नहीं किया जता था. मुख्य सचिव की कुर्सी संभालते ही यह शिकायत दीपक कुमार को मिली.उन्होंने दोनों अधिकारियों के तबादले के साथ पीएमसीच की व्यवस्था को फिर से दुरुस्त कर देने की शुरुवात कर दी.