सिटी पोस्ट लाइव : बिहार के सबसे बड़े अस्पताल पटना स्थित पीएमसीएच की करतूत कल सामने आयी थी । पीएमसीएच ने जिंदा को मुर्दा बता कर परिजनों को दूसरी डेडबॉडी सौंप दी थी। मामले का खुलासा होने के बाद पीएमसीएच से लेकर पूरे स्वास्थ्य विभाग में हड़कंप मच गया था। अब मामले की जांच खुद स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव प्रत्यय अमृत ने की है।
पीएमसीएच पहुंचे प्रत्यय अमृत सबसे पहले डॉक्टरों के स्पेशल कोरोना वार्ड में गए, फिर जनरल कोरोना वार्ड के कोविड कंट्रोल रूम गए। इसके बॉद संक्रमितों के परिजनों से बात कर व्यवस्था के बारे में पूछताछ की।उन्होंने सीसीटीवी कैमरा के साथ रजिस्टर की भी जांच की। कोविड वार्ड में बेड की संख्या देखा है। जिस चुन्नू कुमार के मामले में ने लापरवाही की है, उस वार्ड का भी निरीक्षण किया।
पीएमसीएच ने इस घटना को लेकर एनस्थीसिया, मेडिसिन और पेडियाटिक्स विभाग के अध्यक्षों को शामिल कर 3 सदस्यीय कमेटी बनाई है। इस टीम को 3 दिन में रिपोर्ट देनी है।बता दें कि पीएमसीएच में रविवार को कोविड से 40 साल के एक शख्स की मौत का प्रमाण पत्र दिया और फिर पैक कर उसकी डेड बॉडी भी परिजनों को सौंप दी, जबकि वह आदमी इसी अस्पताल में जिंदा था। उसकी स्थिति में सुधार भी था।
इस मामले का खुलासा तब हुआ जब कोविड पॉजिटिव के बावजूद परिजनों ने अंत्येष्टि से पहले कफन हटाकर मृतक का चेहरा देख लिया। अंत्येष्टि से पहले दूसरे की डेड बॉडी देख परिजन वापस PMCH पहुंचे और अंदर जाकर पड़ताल की तो अपने मरीज को जिंदा पाया। इसके बाद पीएमसीएच ने शाम तक इस बड़ी गलती के लिए संविदाकर्मी हेल्थ मैनेजर को हटा दिया था।