सिटी पोस्ट लाइव : जन अधिकार पार्टी(जाप) सुप्रीमो पप्पू यादव ने किसान विरोधी नीतियों को लेकर केन्द्र सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। कल ही पप्पू यादव ने सभी जिला मुख्यालयों पर पीएम नरेन्द्र मोदी का पुतला फूंके जाने का एलान किया था। आज पटना में पीएम मोदी का पुतला फूंका गया इसके साथ ही पार्टी ने केन्द्र सरकार के खिलाफ आंदोलन की शुरुआत कर दी है।
पार्टी नेता राजेश रंजन के नेतृत्व में पार्टी कार्यकर्ताओं ने पटना के इनकमटैक्स चौराहा पर पीएम मोदी का पुतला दहन किया। इस मौके पर उन्होनें कहा कि पीएम मोदी ने किसानों से दोगुनी राशि देने का वादा किया था लेकिन वे अपना किया वादा भूल गये है और अब जो नया बिल लाया गया है वो किसान विरोधी उन्होनें कहा कि आज राज्य के सभी जिला मुख्यालयों पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का पुतला दहन किया जा रहा है।वहीं 21 सितंबर से 25 सितंबर तक किसान विरोधी नीतियों के पोल खोल के लिए नुक्कड़ सभा का आयोजन किया जाएगा। पार्टी ने 27 सितंबर को किसान विरोधी नीतियों को लेकर बिहार बंद का एलान पहले ही कर दिया है।
बता दें कि जन अधिकार पार्टी(जाप) सुप्रीमो पप्पू यादव ने केंद्र सरकार की किसान विरोधी नीतियों को लेकर आंदोलन का एलान कर दिया है।पप्पू यादव ने 27 सितंबर को बिहार बंद का एलान किया है। जन अधिकार पार्टी के संरक्षक व पूर्व सांसद राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव ने कहा कि केन्द्र सरकार ने नया बिल लाकर किसानों के साथ वादाखिलाफी की है। उन्होंने इसे खेती को अमीरों के हाथों गिरवी रखने वाला क़ानून बताया और इसके खिलाफ 27 सितंबर को बिहार बंद का एलान किया।
पप्पू यादव ने किसानों के लिए ऐसा कानून बनाने को कहा ताकि उनका अनाज एमएसपी– न्यूनतम समर्थन मूल्य से कम पर न बिके। उन्होंने भरोसा दिलाया कि अगर उनकी सरकार बनती है तो सरकार किसानों से शत प्रतिशत अनाज खरीदना सुनिश्चित करेगी। पप्पू यादव ने प्रधानमंत्री पर सीधा आरोप लगाया कि इस काले कानून से वे अपने 10-12 चहेतों को लाभ पहुंचाना चाहते हैं। इस कानून से किसान अपनी ही ज़मीन पर महज़ मज़दूर होकर रह जाएगा।
जाप सुप्रीमो ने सीएम नीतीश कुमार को आड़े हाथों लेते हुए पूछा कि वे तरक़्क़ी की बात करते हैं जबकि आये दिन नवनिर्मित पुल बह जा रहे। उन्होंने चुनौती दी कि मुख्यमंत्री ‘नीति आयोग’ की रिपोर्ट में बिहार की खराब रैंकिंग का जवाब दें। नीतीश कुमार और नरेंद्र मोदी दोनों किसान विरोधी है। इन्हें किसानों की नहीं पूंजीपतियों की चिंता है। जाप पार्टी इस काले कानून का पुरजोर विरोध करती है।