सिटी पोस्ट लाइव : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने 69वां ‘मन की बात’ के जरिए देश को संबोधित किया हैं। इसमें उन्होनें किसानों की बात की है। प्रधानमंत्री ने कहा, कोरोना संकट के काल में भी कृषि क्षेत्र ने अपना दमखम दिखाया है। देश के किसान, गांव जितना मजबूत होंगे, देश उतना आत्मनिर्भर होगा। प्रधानमंत्री मोदी ने लोगों से कोरोना काल में सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों का पालन करने की अपील की।प्रधानमंत्री ने कहा कि कोरोना के समय में दो गज की दूरी बनाए रखना जरूरी है। प्रधानमंत्री ने कहा, कोरोना के इस कालखंड में पूरी दुनिया अनेक परिवर्तनों के दौर से गुजर रही है। आज, जब दो गज की दूरी एक अनिवार्य जरूरत बन गई है, तो इसी संकट काल ने, परिवारों के सदस्यों को आपस में जोड़ने और करीब लाने का काम भी किया है।
शहीद भगत सिंह को याद करते हुए पीएम नरेन्द्र मोदी ने कहा, भगत सिंह का जज्बा हमारे दिलों में होना चाहिए। भगत सिंह का देश की आजादी में बहुत बड़ा योगदान है। शहीद वीर भगत सिंह का नमन करता हूं. उस 23 साल के युवक से अंग्रेजी हुकूमत डर गई थी। प्रधानमंत्री ने कहा, कल, 28 सितम्बर को हम शहीद वीर भगतसिंह की जयंती मनायेंगे। मैं, समस्त देशवासियों के साथ साहस और वीरता की प्रतिमूर्ति शहीद वीर भगतसिंह को नमन करता हूं।
पीएम ने कहा, हरियाणा के एक किसान भाई में मुझे बताया कि कैसे एक समय था जब उन्हें मंडी से बाहर अपने फल और सब्जियां बेचने में दिक्कत आती थी। लेकिन 2014 में फल और सब्जियों को APMC Act से बाहर कर दिया गया, इसका उन्हें और आसपास के साथी किसानों को बहुत फायदा हुआ। इन किसानों के अपने फल – सब्जियों को कहीं पर भी, किसी को भी बेचने की ताकत है और ये ताकत ही उनकी इस प्रगति का आधार है।
नरेन्द्र मोदी ने कहा, कोरोना संकट के काल में भी कृषि क्षेत्र ने अपना दमखम दिखाया है। देश के किसान, गांव जितना मजबूत होंगे, देश उतना आत्मनिर्भर होगा। प्रधानमंत्री ने कहा कि किसानों की मजबूती से ही आत्मनिर्भर भारत की नींव बनेगी। किसान मजबूत होगा तो भारत आत्मनिर्भर बनेगा। पीएम ने कहा, हमारे यहां कहा जाता है, जो जमीन से जितना जुड़ा होता है, वो बड़े से बड़े तूफानों में भी अडिग रहता है। कोरोना के इस कठिन समय में हमारा कृषि क्षेत्र, हमारा किसान इसका जीवंत उदाहरण है। आज किसानों को अपनी मर्जी से उपज बेचने की आजादी मिली है। बीते कुछ समय में इन क्षेत्रों ने खुद को अनेक बंदिशों से आजाद किया है, अनेक मिथकों को तोड़ने का प्रयास किया है।
पीएम ने कहा, मैं अपने जीवन में बहुत लंबे अरसे तक एक परिव्राजक के रूप में रहा। घुमंत ही मेरी जिंदगी थी। हर दिन नया गांव, नए लोग, नए परिवार। भारत में कहानी कहने की, या कहें किस्सा-कोई की, एक समृद्ध परंपरा रही है। हमारे यहां कथा की परंपरा रही है। ये धार्मिक कहानियां कहने की प्राचीन पद्धति है।
पीएम ने कहा, हर परिवार में कोई-न-कोई बुजुर्ग, बड़े व्यक्ति परिवार के, कहानियां सुनाया करते थे और घर में नई प्रेरणा, नई ऊर्जा भर देते हैं। कहानियां, लोगों के रचनात्मक और संवेदनशील पक्ष को सामने लाती हैं, उसे प्रकट करती हैं। कहानी की ताकत को महसूस करना हो तो जब कोई मां अपने छोटे बच्चे को सुलाने के लिए या फिर उसे खाना खिलाने के लिए कहानी सुना रही होती है।