पीके ने मजदूरों की बेबसी पर, केंद्र, राज्य सरकार और विपक्ष को लपेटा
सिटी पोस्ट लाइव : बिहार में कोरोना पॉजिटिव मरीजों का आंकड़ा अब 580 पहुंच चुका है. वहीं दूसरे प्रदेशों में फंसे मजदूरों का बिहार आना जारी है. हालांकि जिस तरह से मजदूरों के भाड़े पर राजनीति चल रही है उसपर अब पीके ने केंद्र सरकार, राज्य सरकार और विपक्ष को लपेटा है. चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने ट्वीट कर कहा कि रेलवे 85% सब्सिडी दे रहा है। केंद्र पैसे ले नहीं रहा और राज्य तो किराए के साथ कई और सुविधाएँ देने का दावा कर रहे हैं! अब तो विडम्बना ये कि विपक्ष ने भी सबका किराया देने की बात कही हैं! अगर सबलोग इतना कुछ कर रहे हैं तो मज़दूर इतने बेबस क्यों हैं और उनसे ये पैसे ले कौन रहा है?
रेलवे 85% सब्सिडी दे रहा है। केंद्र पैसे ले नहीं रहा और राज्य तो किराए के साथ कई और सुविधाएँ देने का दावा कर रहे हैं!
अब तो विडम्बना ये कि विपक्ष ने भी सबका किराया देने की बात कही हैं!
अगर सबलोग इतना कुछ कर रहे हैं तो मज़दूर इतने बेबस क्यों हैं और उनसे ये पैसे ले कौन रहा है?
— Prashant Kishor (@PrashantKishor) May 9, 2020
जाहिर है कि बिहार के बाहर फंसे मजदूरों की बेबसी ने उन्हें अपने घरों की ओर जाने को मजबूर कर दिया है. लम्बे समय तक भूख और राज्य सरकारों की उदासीनता ने उन्हें तोड़कर रख दिया. जिस प्रदेश में काम कर उनकी आर्थिक स्थिति को मजबूत करने में अपना योगदान देते रहे, वहीं राज्य सरकार उनकी आर्थिक स्थिति को नजरंदाज कर भटकने छोड़ दिया. बता दें जो मजदूर इन दिनों ट्रेनों के माध्यम से बिहार लाये जा रहे हैं उनपर सियासत खूब चल रही है. जहां केंद्र और राज्य सरकार मजदूरों के किराए के पैसे देने की बात कर रही है तो वहीं विपक्ष उनके लिए चलाई जा रही ट्रेनों का भाड़ा देने की बात कह रही है. लेकिन इस बीच बिहार पहुँचने वाले कई मजदूरों का कहना है कि यात्री टिकट वे खुद के पैसे से खरीद रहे हैं.
ऐसे में बड़ा सवाल है कि आखिर किसके दावे में कितना दम है. यदि केंद्र 85 प्रदिशत और राज्य 15 प्रतिशत तो मजदूरों से किराया कौन ले रहा है. इसी बात पर प्रशांत ने विपक्ष केंद्र और राज्य सरकार को लपेटा है.