‘पीके’ ने नोटबंदी से की नागरिकता संशोधन कानून की तुलना, लिखा-‘इससे भी गरीब हीं परेशान होंगे’
सिटी पोस्ट लाइवः कल सीएम नीतीश कुमार से ढाई घंटे तक लंबी मुलाकात के बाद जेडीयू के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष प्रशांत किशोर ने मीडिया से मुखातिब होते हुए यह कहा कि वे सीएबी और एनआरसी को लेकर अपने स्टैंड से पीछे नहीं हटेंगे। प्रशांत किशोर ने अपना वादा निभाया है और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मुलाकात के बाद भी सीएबी को लेकर उनके तेवर में कोई नरमी नहीं आयी है। ‘पीके’ का एक ताजा ट्वीट सामने आया है जिसमें उन्होंने नागरिकता संशोधन कानून की तुलना नोटबंदी से की है।
प्रशांत किशोर ने अपने ट्वीट में लिखा है-‘नागरिकता संशोधन कानून नोटबंदी की तरह है। जिस तरह से नोटबंदी में सबसे ज्यादा गरीब लोग परेशान हुए थे उन्हें अपने पैसे का सबूत देना पड़ा था उसी तरह नागरिकता संशोधन कानून की वजह से सबसे ज्यादा गरीब लोग हीं परेशान होंगे और उन्हें नागरिक होने का सबूत देना पड़ेगा।
The idea of nation wide NRC is equivalent to demonetisation of citizenship….invalid till you prove it otherwise.
The biggest sufferers would be the poor and the marginalised…we know from the experience!!#NotGivingUp
— Prashant Kishor (@PrashantKishor) December 15, 2019
जाहिर है नागरिकता संशोधन बिल को लेकर प्रशांत किशोर के तेवर में कोई नरमी नहीं आयी है और जेडीयू के फैसले से अलग वे लगातार नागरिकता संशोधन बिल का विरोध कर रहे हैं। उन्होंने गैर बीजेपी राज्यों के मुख्यमंत्रियों से इसके विरोध की अपील की है। जेडीयू ने सीएबी का लोकसभा और राज्यसभा में समर्थन किया था। इसके बाद प्रशांत किशोर अपनी पार्टी के फैसले का लगातार विरोध कर रहे थे। कयास लग रहे थे कि जेडीयू पीके के खिलाफ कार्रवाई कर सकती है लेकिन कल सीएम और पीके की मुलाकात के बाद यह साफ हो गया कि नीतीश अपने पीके पर कोई कार्रवाई नहीं चाहते।