City Post Live
NEWS 24x7

कोरोना को लेकर राहुल गांधी से ज्यादा मोदी पर है लोगों को भरोसा.

- Sponsored -

- Sponsored -

-sponsored-

सिटी पोस्ट लाइव :मोदी सरकार के दुसरे अर्य्काल के दो साल पुरे हो चुके हैं.ऐसे में उनके कामकाज को लेकर सर्वे भी सामने आने लगे हैं.कोरोना की महामारी के बीच कांग्रेस नेता राहुल गांधी मोदी सरकार के कामकाज  पर बार-बार सवाल उठाते रहे हैं. वह कहते आए हैं कि भाजपा सरकार कोरोना से बिगड़े हालात को काबू करने में पूरी तरह नाकाम रही है.लेकिन जो सर्वे सामने आया है उसमे राहुल गांधी से ज्यादा भरोसा लोगों ने  प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर जताया है.लोगों का मानना है कि मोदी की जगह राहुल होते तो स्थिति और भी विकट होती.

मोदी सरकार को सत्ता में आए 7 साल पूरे हो चुके हैं. उसके कामकाज, प्रधानमंत्री की लोकप्रियता, कोरोना संकट से सरकार के निपटने जैसे सवालों पर प्राइवेट न्‍यूज चैनल एबीपी न्यूज-सी वोटर ने सर्वे किया है.इसी सर्वे में एक सवाल यह किया गया कि कोरोना के हालात को कौन बेहतर संभालता मोदी या राहुल? इस सवाल के जवाब में 66 फीसदी शहरी और 62 फीसदी ग्रामीण लोगों ने मोदी पर भरोसा जताया. उन्‍होंने कहा कि इस मोर्चे पर मोदी ही बेहतर हैं. वहीं, 20 फीसदी शहरी और 23 फीसदी ग्रामीण लोगों को लगता है कि राहुल गांधी कोरोना संकट को बेहतर ढंग से संभालते.

राहुल गांधी कोरोना के हालात को संभालने में मोदी सरकार को फेल बताते हुए ये  आरोप लगाते रहे हैं कि सरकार की गलत नीतियों और तौर-तरीकों के कारण कोरोना बेकाबू हुआ. हाल में उन्‍होंने आरोप लगाया था कि वैक्‍सीनेशन की रफ्तार धीमी हुई है. उसका ठीकरा उन्‍होंने मोदी सरकार पर फोड़ा था. उन्‍होंने कहा था कि जब देश में लोगों को वैक्‍सीन की जरूरत थी तो उन्‍हें विदेश भेजा गया. जबकि दूसरे विकसित देशों ने वैक्‍सीन का भंडारण किया. वह कहते रहे हैं कि केवल वैक्‍सीन से ही कोरोना को रोका जा सकता है.

राहुल देश में कोरोना की दूसरी लहर के बढ़ने के पीछे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को जिम्मेदार ठहराते रहे हैं. शुक्रवार को भी उन्‍होंने आरोप लगाया कि पीएम ने अपनी जिम्मेदारी नहीं निभाई. उनकी ‘नौटंकी’के कारण ये हालात पैदा हुए.हालांकि, एबीपी-सी वोटर सर्वे में जब जनता से यह पूछा गया कि क्या मोदी सरकार में वैक्सीन का इंतजाम ठीक है, तो इसके जवाब में ज्‍यादातर लोगों ने हां में उत्‍तर दिया. शहरों में 51 फीसदी लोगों ने इससे सहमति जताई. 42 फीसदी ग्रामीणों ने भी हां में इसका जवाब दिया.

-sponsored-

- Sponsored -

-sponsored-

Comments are closed.