भागलपुर के जर्दालू आम का आनंद ले सकेगें देश दुनिया के लोग.

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सिटी पोस्ट लाइव :अब सबको इस मौसम में भागलपुर के ‘खास आम’ जर्दालू की याद आने लगती है.गनीमत है, चक्रवाती तूफान ताउते के प्रभाव के वावजूद बिहार में आम की पैदावार पर खास असर नहीं पड़ा है.. आशंका थी कि मई-जून महीने के दौरान आम का उत्पादन तूफान और भारी बारिश की वजह से बर्बाद हो जाएगा.लेकिन ऐसा नहीं हुआ.भागलपुर के जर्दालू सहित कई बिहारी किस्मों के आम बाज़ार में अभी से पहुँचने लगे हैं.

बिहार के सभी ज़िलों में आम का उत्पादन होता है, लेकिन उत्तर बिहार में आम की खेती ज्यादा है. दरभंगा, समस्तीपुर, पूर्वी चंपारण, भागलपुर के बाद मधुबनी, पूर्णिया, पश्चिमी चंपारण, कटिहार, रोहतास और भोजपुर में भी आम की उपज अच्छी होती है. बिहार और आम के रिश्ते के साथ ही इस साल इस उपज से जुड़े तमाम पहलुओं पर विशेष रिपोर्ट.150.68 हजार हेक्टेयर जमीन में खेती से 1479.58 हजार टन आम का उत्पादन बिहार में होता है.

बिहार में आम की उत्पादकता 9.8 टन प्रति हेक्टेयर है जो राष्ट्रीय औसत से थोड़ी ज़्यादा है. मालदह, जर्दालू, लंगड़ा, गुलाब खास, हेमसागर, अल्फांसो, आम्रपाली, बादशाह पसंद, रानीपसंद, फजुली, महमूद बहार, मल्लिका, मिठुआ, जर्दा, बंबइया, कृष्णभोग, दशहरी, गोपालभोग और सीपीया समेत आम की कई किस्में राज्य में पैदा की जाती हैं.भागलपुर का प्रसिद्ध जर्दालु जून के पहले हफ्ते से बाज़ारों में आएगा. इसकी लोकप्रियता इतनी है कि इसकी पेटियां राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, केंद्रीय मंत्रियों, सांसदों और आला अधिकारियों को बिहार से भेंट जाती हैं. अब जर्दालू की डिमांड विदेशों में भी बढ़ने लगी है. कोलकाता के व्यापारियों के ज़रिए जर्दालू, मालदह और गुलाब खास समेत आम की कई किस्में बांग्लादेश भेजी जाएंगी.

इस बार भागलपुर, कहलगांव, सबौर, पीरपैंती, सुल्तानगंज, नाथनगर समेत कई जगहों पर आम की अच्छी पैदावार की संभावना है. इसकी वजह यह है कि देश के पूर्वी इलाकों में मानसून जून के दूसरे हफ्ते पहुंचना शुरू होता है. प्री-मानसून और मानसून की बारिश आम के फलों का आकार बढ़ाती है और उसमें मिठास भी लाती है. ताउते तूफान के असर के चलते हुई बारिश ने इस उपज के लिए अच्छा काम किया. यह बारिश ज़्यादा हो जाती तो उत्पादन प्रभावित होता.

देश में करीब 18 लाख एकड़ ज़मीन में आम के बाग़ों में करीब 1000 किस्में पाई जाती हैं लेकिन व्यावसायिक स्तर पर 30 किस्में ही उगाई जाती हैं. उत्तर प्रदेश, बिहार, पश्चिम बंगाल, ओडीशा, आंध्र प्रदेश, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, कर्नाटक और तमिलनाडु में नियमित तौर पर आम के बाग तैयार किए जाते हैं. क्षेत्र के हिसाब से प्रचलित किस्में इस तरह हैं :

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