सिटीपोस्टलाईव:पटना ट्रेनिंग कॉलेज के बीएड कोर्स में इस साल जीरो सेशन,एनसीटीई ने नहीं दी मान्यता. देश के तीसरे सबसे पुराने शिक्षक प्रशिक्षण कॉलेज (पटना ट्रेनिंग कॉलेज) के बीएड कोर्स में इस साल जीरो सेशन होगा.एनसीटीई ने इसकी मान्यता रद कर दी है.अब इसमे इस सत्र में नामांकन नहीं पायेगा. एनसीटीई के अधिकारियों के अनुसार पिछले वर्ष अक्टूबर में ही मान्यता रद करने का पत्र विश्वविद्यालय प्रबंधन सहित शिक्षा विभाग के संबंधित अधिकारियों को भेज दिया गया था. नियम के अनुसार पत्र मिलने के 60 दिनों के अंदर विश्वविद्यालय को अपील करना था. लेकिन, अभी तक अपील का पत्र प्राप्त नहीं हुआ है.गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइन के अनुसार एक जुलाई से सेशन प्रारंभ होना है. अब अपील करने के बाद भी सत्र 2018-19 के लिए मान्यता प्रदान करना संभव नहीं है.
पटना ट्रेनिंग कॉलेज के बीएड कोर्स में इस साल जीरो सेशन,एनसीटीई ने नहीं दी मान्यता.गौरतलब है कि देश के इस तीसरे सबसे पुराने शिक्षक प्रशिक्षण कॉलेज (पटना ट्रेनिंग कॉलेज) में स्थायी शिक्षकों की कमी और मानक के अनुरूप योग्यता के प्राचार्य नहीं होने के कारण मान्यता रद की गई थी. वर्तमान प्राचार्य मानक के अनुरूप योग्यता तो रखते हैं लेकिन, स्थायी शिक्षकों का समाधान अभी तक नहीं हो सका है.पटना ट्रेनिंग कॉलेज और वीमेंस ट्रेनिंग कॉलेज की मान्यता बहाल कराने के लिए अपील की तैयारी में पीयू प्रबंधन जुट गया है. कुलपति प्रो. रासबिहारी प्रसाद सिंह की अध्यक्षता में सोमवार को अपील के बिंदुओं पर विमर्श के लिए बैठक हुई. इसमें शिक्षा विभाग से मिली अनुमति के अनुसार 30 अस्थायी सहायक प्राध्यापक के लिए 22 मई से ऑनलाइन आवेदन स्वीकार करने का निर्णय लिया गया. पांच जून तक आवेदन स्वीकार किए जाएंगे. पीयू पदाधिकारियों का भी कहना है कि शिक्षा विभाग से अस्थायी शिक्षकों की नियुक्ति के लिए मार्च में ही अनुमति मांगी गई थी. देर से अनुमति मिलने के कारण अब अपील की प्रक्रिया देर से शुरू हुई.वजह चाहे जो भी हो अब बहुत दे हो चुकी है और इस सत्र में कोई नामांकन नहीं हो पायेगा.
मजेदार बात ये है कि पटना ट्रेनिंग कॉलेज की मान्यता 2010 के आधार पर रद की गई है. जबकि 2015-16 में एनसीटीई द्वारा इसकी सीटों की संख्या 90 से बढ़ाकर 100 कर दिया गया था.2017 में कराये गए नैक मूल्यांकन में इस ‘बी’ ग्रेड मिला था. एनसीटीई के अधिकारियों का कहना है कि शिक्षकों की कमी के कारण मान्यता रद करने का पत्र 2010 से विश्वविद्यालय को जारी किया जा रहा है. इसके 2018 तक नियुक्ति प्रक्रिया पूरी नहीं की जा सकी है.देश के इस प्रथम शिक्षक प्रशिक्षण कॉलेज की स्थापना 1906 में बॉम्बे की गई थी. 1908 में लॉर्ड कर्जन ने कोलकाता और पटना में एक साथ प्रशिक्षण संस्थान खोला था. 1910 में ढाका में कॉलेज खोला गया. 1947 के पहले तक सभी प्रिंसिपल अंग्रेज ही थे.
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