सिटी पोस्ट लाइव : बिहार विधानसभा चुनाव के बाद से चिराग पासवान की नजर राज्यसभा में खाली हुई सीट पर है. ये सीट उनके पिता को लोकसभा चुनाव के दौरान NDA ने दी थी. जिसके बाद रामविलास पासवान राज्यसभा सांसद और केन्द्रीय मंत्री बने थे. लेकिन पासवान की आकस्मिक मौत के कारण ये सीट खाली हो गई. जिसपर चिराग पासवान नजर बनाए हुए हैं. लेकिन ये मंशा उनकी आसान नहीं है. आपको पता है कि बिहार विधानसभा चुनाव में लोजपा ने अलग राह अपना ली थी. वे NDA से अलग अकेले चुनाव लड़ने का फैसला किया. जिसका खामियाजा सिर्फ और सिर्फ जदयू को झेलना पड़ा. चिराग पासवान ने पहले नीतीश कुमार का विरोध किया, फिर अपने उम्मीदवार नीतीश कुमार यानि जदयू के खिलाफ उतार दिये.
जिसके बाद जदयू बड़े भाई से छोटे भाई की भूमिका में आ गई. हालांकि NDA सत्ता में वापस लौटी लेकिन समीकरण उलट-पुलट हो गया. इसके बाद भाजपा पर ये आरोप लगा कि उनकी शह पर ही लोजपा ने जदयू के खिलाफ मोर्चा खोला. यही नहीं पीएम मोदी का हनुमान बनकर जदयू की नगरी ध्वस्त कर दी. अब जब चिराग पासवान राज्यसभा की कुर्सी की तरफ देखते हैं और अपनी मां को ये पद दिलवाना चाहते हैं ऐसे में जदयू उनसे कन्नी जरुर कटेगी. बता दें चिराग चाहते हैं कि भाजपा उनकी मां रीना पासवान को राज्यसभा भेजे. लेकिन भाजपा के लिए ये धर्मसंकट का प्रश्न पैदा होता है. यदि भजपा रीना पासवान को राज्यसभा भेजना भी चाहेगी तो पहली बात वो अकेले ये कर नहीं सकती. इसमें सहयोगी दल जदयू का साथ होना आवश्यक है. यदि ऐसा कर भी देती है तो भाजपा पर ये आरोप साबित हो जायेगा कि उनकी शह पर ही लोजपा जदयू को हारने में लगी हुई थी.
जाहिर है लोजपा नीतीश कुमार को मुख्यमंत्री की कुर्सी पर देखना नहीं चाहती थी. वो अकेले चुनाव जरुर लड़ रही थी लेकिन पार्टी भाजपा के साथ थी. चिराग पासवान पूरी मजबूती के साथ पीएम मोदी का समर्थन करते दिखे. मतलब था कि जदयू को किनारे कीजिए. लोजपा को मत दीजिए और सरकार भाजपा लोजपा मिलकर बनाएगी. अब देखना होगा कि ये राज्यसभा की सीट किसे मिलती है, क्योंकि जदयू उनका समर्थन करते अबतक तो दिखाई नहीं दे रही. जो जख्म चिराग पासवान ने नीतीश कुमार को दिया है उसे भरने में वक्त तो लगेगा ही.