सिटी पोस्ट लाइव :बिहार की राजनीति में जाति की अहम् भूमिका रही है.अगले लोक सभा चुनाव को ध्यान में रखते हुए सभी दल जातियों को साधने में जुटे हैं.इसकी शुरुवात नीतीश कुमार ने बिहार में जाति आधारित गणना से शुरू कर दी है. पिछड़ा-अति पिछड़ों के साथ साथ JDU अगड़ों को भी साथ लेकर चलने की कोशिश कर रही है.JDU इसके लिए महाराणा प्रताप की पुण्यतिथि मनाने की तैयारी कर रही है.बीजेपी भी अगड़े की राजनीति को साधने के लिए स्वामी सहजानंद सरस्वती जयंती समारोह मना रही है, जिसमें केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को खास तौर पर बुलाया जा रहा है.
23 जनवरी को JDU के प्रदेश उपाध्यक्ष और एमएलसी संजय सिंह महाराणा प्रताप की पुण्यतिथि को लेकर राष्ट्रीय स्वाभिमान दिवस मना रहे हैं. इसके मुख्य अतिथि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार हैं. इस कार्यक्रम की भव्यता का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि पूरे पटना में पोस्टर-बैनर पाट दिए गए हैं.JDU का झंडा और महाराणा प्रताप का गेरुआ झंडा लगभग पटना के सभी खंभों पर लगा दिया गया है.जिस जगह यह कार्यक्रम किया जा रहा है, उसको महाराणा प्रताप के किले का रूप दिया गया है. संजय सिंह के अनुसार इस कार्यक्रम में 50 हजार से अधिक लोग बिहार के अलग-अलग इलाकों से आएंगे, जो क्षत्रिय समाज से होंगे.
24 जनवरी को JDU कर्पूरी ठाकुर की जयंती मना रही है. कर्पूरी ठाकुर के बहाने अति पिछड़ा समाज को साधने की तैयारी है. यह कार्यक्रम JDU अपने बैनर तले करा रहा है तो, मुख्य अतिथि के रूप में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह सहित कई बड़े नेता शामिल होंगे.दावा है कि इस कार्यक्रम में भी 40 से 50 हजार लोग पटना आएंगे.अगले महीने फरवरी में भारतीय जनता पार्टी किसान और मजदूरों के बड़े नेता रहे स्वामी सहजानंद सरस्वती की जयंती मनाने वाली है. यह समारोह पटना के बापू सभागार में 22 फरवरी को होगा. भाजपा एक कदम आगे निकलकर इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के तौर पर गृह मंत्री अमित शाह को बुला रही है.जाहिर बात है, अगड़ों की राजनीति को साधने के लिए स्वामी सहजानंद सरस्वती जैसे महापुरुष का सहारा भाजपा ले रही है. इसी कार्यक्रम के माध्यम से अमित शाह 2024 लोकसभा चुनाव के लिए पूरे बिहार को साधेंगे.