सिटी पोस्ट लाइव : मुजफ्फरपुर बालिका गृह महा-रेपकांड की सीबीआई जांच कराने के लिए सबसे पहले आन्दोलन शुरू करनेवाले पप्पू यादव सीबीआई जांच शुरू हो जाने के बाद भी चुप बैठने को तैयार नहीं हैं. उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में सीबीआई जांच होगी तभी नतीजा निकलेगा. जन अधिकार पार्टी के सुप्रीमो व मधेपुरा के सांसद राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव ने आज 18 अगस्त को मुजफ्फरपुर महापाप और पटना आसरा होम मामले को लेकर खूब बरसे. पप्पू ने राज्य सरकार पर दोनों मामलों में शामिल आईएएस अधिकारियों को बचाने का आरोप लगाते हुए कहा कि पटना आसरा होम मामले में मनीषा दयाल के पोलिटिकल और ब्यूरोक्रेसी कनेक्शन की CBI जांच कराने की मांग को लेकर पटना हाईकोर्ट में जनहित याचिका दाखिल करेंगे .
पप्पू यादव ने कहा कि समाज कल्याण विभाग में रेड डालने में हो रही देरी साक्ष्यों को मिटाने की साजिश है .पप्पू यादव ने अपनी प्रेसवार्ता में आज फिर से 10 सवाल पूछे हैं . उन्होंने बिहार के नगर विकास मंत्री सुरेश शर्मा पर भी निशाना साधा है. मनीषा दयाल प्रकरण में शामिल आईएएस अधिकारियों के खिलाफ भी कारवाई की मांग की है. पप्पू यादव ने ये दस सवाल पूछे हैं.
मामला मुजफ्फरपुर के महापाप का हो या फिर पटना के आसरा होम के मृत्यु-लोक का, आखिर क्या कारण है कि इसके जन्म-दाता समाज कल्याण विभाग के बड़े अधिकारियों के खिलाफ अब तक कार्रवाई नहीं हो रही है . साफ तौर पर, कई आईएएस अधिकारी ब्रजेश ठाकुर और मनीषा दयाल के गैंग में शामिल दिख रहे हैं, तो क्या इन्हें बचाने और फाइलों से गड़बड़ी का साक्ष्य मिटाने को रेड में देरी की जा रही है . आखिर कब, सीबीआई और पटना पुलिस समाज कल्याण विभाग में रेड डालेगी ?
- मंजू वर्मा ने मुंह खोल दिया है . वह खुले तौर पर बिहार के नगर विकास मंत्री सुरेश शर्मा का नाम ले रही है . वर्मा के पति चंद्रशेखर वर्मा महापापी ब्रजेश ठाकुर के हमप्याले रहे हैं, सो सुरेश शर्मा के बारे में भी सब पता है . वैसे भी शर्मा के किस्से मुजफ्फरपुर से बंगाल तक मशहूर रहे हैं . तो फिर सुरेश शर्मा के बारे में नीतीश कुमार और सुशील कुमार मोदी कब फैसला करेंगे ? सीबीआई को भी तुरंत कार्रवाई करनी चाहिए.
- ब्रजेश ठाकुर को सरकारी विज्ञापनों से मालामाल करने वाले अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई को नीतीश कुमार किस दिन का इंतजार कर रहे हैं ? बिहार जवाब मांगता है .
- पटना आसरा होम, जिसे मनीषा दयाल और चिरंतन कुमार ने मृत्यु-लोक बना दिया था, ऐसा लग रहा है कि पटना पुलिस की जांच भी मनीषा दयाल के मायालोक में फंसती जा रही है . कारण कि तीन दिनों की पूछताछ में पटना पुलिस न तो इस रैकेट में शामिल दूसरी बड़ी मछलियों को पकड़ सकी है और न मनीषा दयाल की नीली दुनिया को बेपर्द कर सकी है . मोबाइल के सीडीआर को तुरंत सार्वजनिक किया जाए और नशा-ए-हुस्न के कारोबार में शामिल सबों के खिलाफ कार्रवाई हो . हम सीबीआई जांच को लेकर पटना हाई कोर्ट में रिट याचिका दायर करेंगे .
- मनीषा दयाल को समाज कल्याण विभाग में डायरेक्ट एंट्री दिलाने वाले आईएएस डायरेक्टर सुनील कुमार की पहचान स्पष्ट है . फिर इनके खिलाफ कार्रवाई में देरी क्यों हो रही है . जानकारी है कि इस देरी का फायदा उठा सुनील कुमार भ्रष्ट तरीके से अर्जित की गई बेहिसाब संपत्ति को सुरक्षित करने में लगा है .
- बिहार के हर घोटाले में आईएएस एसएम राजू का नाम आ ही जाता है . महादलित मिशन में घोटाला संग और न जाने कितने घोटाले बिहार में इनके नाम हो चुके हैं . अब मनीषा दयाल से भी कनेक्शन जुड़ रहा है . तो फिर, बार-बार घोटाला करने वाले एसएम राजू के खिलाफ बिहार की जांच एजेंसियां इतना कमजोर केस क्यों तैयार करती है कि बगैर जेल गए कोर्ट से रिलीफ मिल जाती है . रिलीफ मिलने तक जांच एजेंसी गिरफ्तारी भी नहीं करती . राजू के लीडरशिप में बिहार में बहुत बड़ा प्लांटेशन घोटाला भी हुआ है, इसकी व्यापक जांच नीतीश कुमार कराएं .
- आखिर क्या कारण है कि मनीषा दयाल – चिरंतन कुमार की पापी संस्था के अध्यक्ष का नाम नहीं खोला जा रहा है . गवर्निंग बॉडी के सदस्यों को भी नहीं बताया जा रहा . आसरा होम के मृत्य-लोक के पाप में सभी भागीदार हैं . तो क्या, ये इतने बड़े नाम हैं कि बिहार में भूचाल आ जाने का डर है, सो इसे छुपाकर पुलिस कार्रवाई से बचाया जा रहा है ?
- मनीषा दयाल की स्पाइसी दुनिया में सैर-सपाटे भी बहुत थे . दिल्ली-मुंबई कनेक्शन बढ़ गया था . पिछले तीन वर्षों के मनीषा दयाल के सैर-सपाटों की जांच एयर टिकट के माध्यम हो . साथ आने-जाने वालों की पहचान हो, कई चेहरे बार-बार मिलेंगे .
- पक्की खबर है कि रिमांड में पूछताछ के दौरान जब कुछ समय के लिए मनीषा दयाल का मोबाइल खोला गया, तब भी तेजी से बड़े-बड़े फोन आने लगे . इस जांच में कोई कोताही नहीं होनी चाहिए कि लेट नाईट पार्टियों में मनीषा दयाल कहाँ-कहाँ जाती थी और देर रात किनके साथ चैटिंग करती थी .
- समाज कल्याण विभाग के साथ कला-संस्कृति और पर्यटन विभाग की जांच भी अब जरुरी है . पटना से लेकर विदेशों तक के कई आयोजन में खास गैंग को बिहार सरकार की ओर से करोड़ों की राशि दी गई है . अब ये गैंग कई तरीकों के माल-गाल के गंदे कारोबार में शामिल पाए जा रहे हैं . जांच शुरु हो, अगले कुछ दिनों में हम सब खोल कर रख देंगे .