देर रात पप्पू यादव और चिराग की बंद कमरे में 4 घंटे मुलाकात, क्या है माजरा?

City Post Live

सिटी पोस्ट लाइव : लोक जनशक्ति पार्टी के अध्य्क्ष चिराग पासवान (LJP President Chirag Paswan) के सीएम नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) के खिलाफ तल्ख तेवर बरकार हैं. एक बार फिर चिराग ने अपने नेताओं से दो टूक कहा कि कोरोनाकाल में स्वास्थ्य विभाग और बिहार सरकार (Bihar government) की कोई भी कमी हो को बिना डरे इसे उजागर कीजिए, चिराग पासवान आपके साथ खड़ा है. चिराग पासवांन ने कहा कि उन्हें बिहार के लोगों की चिंता है.

चिराग पासवान के बगावती तेवर को देखते हुए विपक्ष की नजर उनके ऊपर टिक गई है. खबर है  कि क्रवार की रात को देर रात चिराग़ पासवान और पप्पू यादव के बीच मुलाकात हुई और करीब चार घंटे दोनों के बीच बंद कमरे में बातचीत होती रही.माना जा रहा है कि अगर पप्पू यादव और चिराग पासवान को कांग्रेस के साथ आने के लिए तैयार करना चाहते हैं.पप्पू यादव पहले भी कह चुके हैं कि महागठबंधन को तेजस्वी की जगह चिराग पासवान को सीएम प्रोजेक्ट कर चुनाव लड़नी चाहिए.कांग्रेस के नेता अखिलेश सिंह भी रामविलास पासवान के कांग्रेस के संपर्क में होने की बात कह चुके हैं.हालांकि ये दूर की कौड़ी है क्योंकि इसके लिए RJD कभी तैयार नहीं होगी. बिहार में कोई थर्ड फ्रंट बनाने की कोशिश भी चल रही है.

लेकिन राजनीतिक जानकार मानते हैं कि गौरतलब है कि नीतीश कुमार से तल्खी के बीच लोजपा प्रमुख चिराग पासवान ने भारतीय जनता पार्टी के प्रमुख जेपी नड्डा से गुरुवार को मुलाकात की थी और इस मुद्दे समेत कई अन्य मुद्दों पर भी चर्चा की थी. इसके बाद लोजपा अध्यक्ष ने शनिवार को लोजपा के पटना कार्यालय में पार्टी नेताओं की बैठक बुलाई थी.इससे पहले सीएम नीतीश पर चिराग के हमले को लेरक जदयू नेता व सांसद ललन सिंह ने हाल ही में चिराग पासवान की तुलना कालिदास से करते हुए कहा था कि वे जिस पेड़ पर बैठे हैं उसी की डाल को काट रहे हैं. उनके इस बयान के बाद लोजपा ने भी जदयू को सूरदास कहा था. ये मुद्दा शनिवार की बैठक में भी उठा और नवादा के सांसद चंदन कुमार ने तल्ख तेवर दिखाते हुए कहा कि उनके राष्ट्रीय अध्यक्ष के बारे में बोला जायेगा तो वे भी चुप नहॉ बैठेंगे.

सूत्रों से खबर है कि इस मुद्दे पर चिराग ने ललन सिंह पर हमला बोला है.उन्होंने  ललन सिंह को संबोधित करते हुए कहा कि आप सम्मानित नेता हैं मुझे कालिदास कहते हैं कहिए, लेकिन उन्हें ये नहीं भूलना चाहिए कि जहां से वो सांसद चुने गए हैं उनके संसदीय क्षेत्र का 1 विधानसभा क्षेत्र उन्हीं के जमुई लोकसभा के अंदर ही आता है.सबके सहयोग के बिना जीत संभव नहीं,बाकी कोई मुझे कुछ भी बोले कोई फर्क मुझे नहीं पड़ता.

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