चुनाव हारने वाले पप्पू बाढ़ आपदा में पास हो गए हैं, जानिए कैसे?
सिटी पोस्ट लाइव : बिहार की राजधानी पटना पिछले 9 दिनों से पानी में डूबी हुई है.नेता ट्विट के जरिये एक दुसरे पर हमला बोल रहे हैं. सभी ज्ञान बाँट रहे हैं.सरकार को कोस रहे हैं .इतना ही नहीं कुछ नेता जनता से माफ़ी मांग कर नीतीश सरकार को नाकाम साबित करने में जुटे रहे. लेकिन केवल एक नेता पटना की जनता की मदद करने के लिए पानी में उतरा .इस नेता का पटना की राजनीति से कुछ ख़ास लेनादेना नहीं है. फिर भी दिन रात रहत सामग्री लेकर वो जल जमाव वाले ईलाकों में लोगों की मदद करता नजर आया.अगर इस नेता की तरह राज्य के सारे बड़े नेता जनता की मदद के लिए उतर जाते तो शायद ये आपदा एक जश्न में तब्दील हो जाता.
अपने राहत बचाव कार्य की वजह से यह नेता पटना के लोगों के दिल-दिमाग में छा गया है.उसने अपने बारे में लोगों को सोंच और राय बदल दी है.आज जल जमाव में फंसे हर ईलाके के लोग मदद के लिए उसी एक नेता पर नजर गडाए हुए हैं. वह हर जगह पहुँचने की कोशिश भी करता नजर आ रहा है. चारों तरफ उसकी जय जयकार हो रही है. ये नेता पटना के आम लोगों का हीरो तो बन गया है लेकिन दुसरे नेताओं को बिलकुल नहीं भा रहा. तमाम नेता उसके ऊपर राजनीति करने का आरोप लगा रहे हैं.सवाल ये उठता है कि जो नेता संकट की घड़ी में काम आ रहा है,वो असली नेता है या फिर ट्विटर पर घर में बैठकर सरकार को कोसने वाले असली नेता हैं.
ऐसा नहीं है कि इस नेता के पास कुबेर का खजाना है.वह जनता के सहयोग से ही जनता के लिए रहत सामग्री का जुगाड़ कर रहा है.अगर सच्चे मन से कोई काम करे तो पैसा आड़े नहीं आता.जनता खुद इस नेता के पास सहायता देने के लिए पहुँच रही है क्योंकि उसे भरोसा है उसके ऊपर कि वो उनका पैसा खुद हजम नहीं कर जाएगा. उनके पैसे का एक एक पाई जनता की मदद में लगाएगा. लेकिन सबसे बड़ा सवाल- ऐसा नेता जो हर आपदा की घड़ी में जनता के बीच रहत सामग्री लेकर खड़ा नजर आता है, चुनाव क्यों हार जाता है?जो नेता आपदा की घड़ी में जनता के बीच से गायब हो जाते हैं, वो चुनाव कैसे जीत जाते हैं? ये नेता इसबार चुनाव भी हार चूका है.लेकिन चुनाव हारनेवाले इस नेता ने जिस तरह से लोगों का दिल जीता है, वह काबिल-ए-तारीफ़ है.ये नेता कोई और नहीं ,पप्पू यादव है.