एक पान विक्रेता ने कायम की ईमानदारी की मिसाल, देश के लिए बड़ा संदेश

City Post Live - Desk

सिटी पोस्ट लाइव : भौतिकवादी तृष्णा के आधुनिक दौर में समाज के अधिकांश लोग, धन सृजन में लगे हुए हैं। कोई दिन ऐसा नहीं है, जब यह खबर ना मिलती हो कि जमीन के चंद टुकड़े, या फिर कुछ रुपयों खातिर भाई ने भाई की, चाचा ने भतीजे की, या फिर किसी ने किसी की हत्या कर डाली। इस आदमखोर होते समाज में आज भी अच्छे लोग हैं, जिनके दम से यह देश और दुनिया कायम है। बिहार के सहरसा जिले में एक पान विक्रेता विनोद कुमार साह ने ऐसा कारनामा किया है, जिसे एक बार सुन कर यकीन करना मुमकिन नहीं है।

पैंतालिस वर्षीय इस पान विक्रेता ने ईमानदारी की अजीम मिशाल कायम की है। यह ईमानदारी, निसन्देह देश के लिए एक बड़ी सीख है। घटना की पूरी कहानी कुछ इस तरह से है। सहरसा एसपी ऑफिस के ठीक सामने विनोद कुमार साह की पान की दुकान है। बीते 1 जनवरी को विनोद कुमार साह को, अपनी दुकान के सामने, सड़क पर गिरा हुआ एक एटीएम कार्ड होल्डर मिला, जिसमें दो एटीएम कार्ड थे। दो अलग-अलग बैंक खाते के दोनों एटीएम में लाखों रुपये जमा थे। हैरत और आश्चर्य की बात यह है कि दोनों एटीएम के गुप्त पिन कोड भी एटीएम के कवर लिफाफे में लिख कर रखे हुए थे।

बन्दे की ईमानदारी देखिए कि इसने पान दुकान पर, पान खाने आये प्रोबेशन ऑफिस के कर्मी नीरज कुमार चौधरी से आग्रह किया कि वे इन दोनों एटीएम कार्ड के उनके पास सलामत होने की जानकारी, अपने फेसबुक आईडी से पोस्ट कर दें। इसका सुखद परिणाम निकला। एटीएम के स्वामी मणिकांत झा तक इसकी सूचना पहुँच गयी। पान विक्रेता ने दोनों एटीएम का बैलेंस चेक करवा कर, मणिकांत झा के पुत्र गोपाल झा को, दोनों एटीएम कार्ड सुपुर्द कर दिए। इसे कहते हैं सच्चा ईमान और पक्की ईमानदारी।

विनोद कुमार साह की जगह कोई और होता, तो वे आसानी से गुप्त कोड के जरिये मोटी रकम निकाल चुके होते और लगातार निकालते ही रहते। गोपाल झा ने कार्ड हासिल करने के बाद कहा कि उन्हें इस बात का कोई अहसास ही नहीं था कि उनके दो एटीएम कार्ड उनसे ही कहीं गिर गए हैं। अभी वे कुछ पारिवारिक परेशानी में चल रहे हैं। फेसबुक के जरिये उन्हें इस बात की जानकारी मिली और उन्होंने दोनों एटीएम कार्ड को, बिना किसी नुकसान के हासिल कर लिया। गोपाल झा ने कहा कि दोनों एटीएम से आसानी से रुपये निकाले जा सकते थे और इसकी भनक तक उन्हें नहीं लगती।

गोपाल झा ने ईनाम के तौर पर, विनोद कुमार साह को पचास हजार रुपये देने की कोशिश की लेकिन इस छोटे से पान विक्रेता ने रुपये लेने से इनकार कर दिया। विनोद कुमार साह ने कहा कि यह आपकी मेहनत की कमाई के रुपये हैं। इस पर केवल आपका हक है। वे अपनी दुकानदारी से, अपने परिवार का बढ़िया तरीके से भरण-पोषण कर रहे हैं। मुफ्त के मिले रुपये से, उनके काम पर बुरा प्रभाव पड़ेगा। वे अपनी मेहनत की कमाई से, सपरिवार बहुत खुश हैं। बताना लाजिमी है कि विनोद कुमार साह को चार पुत्री और एक पुत्र हैं। सभी पढ़ाई कर रहे हैं। एक बेटी विवाह योग्य हो चुकी है।

विनोद कुमार साह की कमाई का जरिया, एकमात्र पान की दुकान है। जाहिर सी बात है कि इस शख्स को रुपयों की बेहद दरकार है। लेकिन इन्होंने, अपनी ईमानदारी को मरने और मिटने नहीं दिया। एक अति साधारण व्यक्ति ने, धनपशु और धनकुबेरों को जीवन के असली अर्थ का आईना दिखाया है। वाकई इस दुनिया में अच्छे लोग हैं, इस घटना ने यह साबित कर दिया है। पान दुकानदार अगर अपनी नीयत खराब कर लेते तो, आसानी से सारे रुपये निकाल कर, अपनी निजी संपत्ति बढ़ा सकते थे।

लेकिन उन्होंने ऐसा काम किया है, जिसे लोग किस्से और कहानी में सुना करते थे। बृहस्पतिवार को यह एटीएम कार्ड सौंपे गए। इस बात की खबर, फेसबुक पर जंगल में लगी आग की तरह फैल गयी। अब लोग मांग कर रहे हैं कि बिहार के सीएम नीतीश कुमार, खुद से इस ईमानदार पान विक्रेता को पुरस्कृत करें। अगर सीएम ऐसा करेंगे, तो इसका संदेश बहुत दूर तक जाएगा और लोग ईमानदारी से लवरेज जिंदगी जीने की कोशिश करेंगे।

पीटीएन मीडिया ग्रुप के मैनेजिंग एडिटर मुकेश कुमार सिंह

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