सिटी पोस्ट लाइव : देश वैसे तो संविधान से ही चलता है, लेकिन कई ऐसी चीजें हैं जो आप और हम करते हैं. लेकिन उसका जिक्र संविधान में नहीं लिखा हुआ है. ऐसा इसलिए कि संविधान से बड़ा हमारा देश है. ऐसे में जब भी देश की बात आती है तो हम देश को ही ऊपर रखते हैं. लेकिन कुछ ऐसे भी नेता और विधायक हैं जिन्हें देश से ऊपर संविधान लगता हैं. उन्हें हर चीज संविधान में लिखी होनी चाहिए तभी वो करेंगे. कुछ ऐसा ही मामला एकबार फिर सामने आया है.
हैदराबाद से सांसद असदुद्दीन ओवैसी पार्टी ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लमीन (एआईएमआईएम) के विधायकों ने शुक्रवार को विधानसभा में हंगामा खड़ा कर दिया. पार्टी विधायक ने सत्र समापन के दौरान वंदे मातरम गाने से मना कर दिया. इतना ही नहीं उन्होंने विधानसभा अध्यक्ष पर राष्ट्रगान और राष्ट्रगीत थोपने का आरोप लगाया.
विधानसभा के शीतकालीन सत्र के आखिरी दिन राष्ट्रगीत गाने को लेकर बवाल हुआ. सदन के अंदर ओवैसी के विधायकों ने राष्ट्रगीत गाने से मना कर दिया. एआईएमआईएम विधायक अख्तरुल इमान ने वंदे मातरम गाने को लेकर सवाल उठाए. उन्होंने दलील देते हुए कहा कि संविधान में कहीं नहीं लिखा है कि राष्ट्रीय गीत गाना जरूरी है. दरअसल, इस बार शीतकालीन सत्र के दौरान विधानसभाध्यक्ष विजय कुमार सिन्हा ने सत्र के पहले दिन राष्ट्रगान (जन-गण-मन) और आखिरी दिन वंदे मातरम गाने की परंपरा शुरू की.
अख्तरुल इमाम के इस विरोध पर बीजेपी विधायक संजय सिंह ने कहा कि जिन्हें पाकिस्तान से प्यार है वे ही राष्ट्रगीत नहीं गाते हैं. ऐसे में जिन्हें राष्ट्रगीत नहीं गाना है, वे पाकिस्तान चले जाएं. हर भारतीय को राष्ट्रगान और राष्ट्रगीत गाना अनिवार्य है. ये लोग बारिश होने पर इंडिया की जगह पाकिस्तान में छाता लगाते हैं. स्पीकर विजय कुमार सिन्हा ने कहा कि पूरे सत्र के दौरान सदन बेहतर तरीके से चला. सभी सवालों के जवाब आए. लोकसभा की तर्ज पर सत्र की राष्ट्रगान से शुरुआत हुई. राष्ट्रगीत से सत्र का समापन हुआ. ये अच्छी परंपरा है, इससे गर्व का बोध होता है.