बरौनी रिफाइनरी ने नगरस्तरीय ऑनलाइन विश्व हिन्दी दिवस समारोह का किया आयोजन

City Post Live - Desk

सिटी पोस्ट लाइव : बरौनी रिफाइनरी ने बेगूसराय स्थित सभी सरकारी कार्यालयों/ उपक्रमों के कर्मचारियों के बीच कामकाज में हिन्दी को बढ़ावा देने के लिए विश्‍व हिन्‍दी दिवस के अवसर पर नगरस्तरीय ऑनलाइन व्याख्यान कार्यक्रम का आयोजन किया।  इस अवसर पर तरुण कुमार बिसई, मुख्य महाप्रबंधक (मानव संसाधन) ने सभी का स्वागत किया। ऑफिसर्स एसोसिएशन के सीईसी प्रवीण कुमार ने हिन्दी के ऐतिहासिक पहलू पर प्रकाश डाला और हिन्दी के अधिक से अधिक प्रयोग और प्रोत्साहन पर बल दिया। अतिरिक्त महासचिव, बीटीएमयू  संजीव कुमार ने अपने सम्‍बोधन में कार्यालयीन काम-काज में हिन्‍दी भाषा के प्रयोग पर बल देने के साथ-साथ हिन्दी के प्रयोग की शुरुआत अपने घर एवं परिवार से शुरू करने का आवाहन किया।

मिस्त्री ने अपने संबोधन में कहा कि “आज हिन्दी स्वतः स्फूर्त भाव से विश्व भाषा बनने की ओर अग्रसर है। लाभ के लिए खुले बाज़ार में उपभोक्ता तक पहुंचना अत्यंत आवश्यक है और इस प्रयास में जन-भाषा की भूमिका महत्वपूर्ण हो जाती है। अतः ग्राहक संतुष्टि के लिए हिन्दी भाषा का महत्व आज और भी बढ़ गया है। कई बहुराष्ट्रीय कंपनियाँ हिन्दी को अपना रही हैं। इन्टरनेट पर भी हिन्दी में पठन-पाठन सामग्री की उपलब्धता बढ़ी है। जन सेवा के उद्देश्य से अपने सभी साझेदारों, ग्राहकों और कर्मचारियों को ये विश्वास दिलाए कि वे अपना कामकाज निःसंकोच भाव से हिन्दी में कर सकते हैं। आज तकनीकी ने हमें अवसर दिया है कि हम सभी अपने-कार्यालयों में हिन्दी के प्रयोग को सुगमता से कर सकें। अब बात केवल फोनेटिक टाइपिंग तक ही सीमित नहीं रही। अब बोलकर भी हिन्दी में टाइप किया जाना संभव है। राजभाषा विभाग का हमेशा से इस बात पर ज़ोर रहा है कि सरल भाषा का, आम जनमानस की भाषा का प्रयोग किया जाए। आइए हम सब मिलकर सरल हिन्दी को प्रयोग में लाएं और इसे विश्व स्तर पर मान दिलाएं।“

डॉ. अंजनी कुमार श्रीवास्तव,एसोसिएट प्रोफेसर (हिन्दी),महात्मा गाँधी केन्द्रीय विश्वविद्यालय, मोतीहारी ने अपने व्याख्यान में कहा कि, “हिन्‍दी का ज्ञान एवं हिन्‍दी में संचार भारत को विश्‍व के पटल पर समृद्ध करने के लिए अति आवश्‍यक है । हिन्‍दी एक एहसास है जिस पर हमें गर्व होना चाहिए । भारतीय होने के नाते हमारी जिम्‍मेदारी है कि हम अपनी भाषा का सम्‍मान करें। आज हमारे पास यूनीकोड, वॉइस टाइपिंग जैसी सरल तकनीक है जिससे हिन्‍दी में काम करना और भी आसान हो गया है । हिन्दी मन के करीब की भाषा है, मन के नजदीक की चीजों की धमक अलग होती है। ऐसे में हमें हिन्‍दी के प्रयोग में संकोच करने के बजाए स्वाभिमान के साथ इसके उपयोग को बढ़ाना है।“ हिन्दी की बढ़ती लोकप्रियता पर प्रकाश डालते हुए उन्होने कहा कि, “ आज विश्व में हिन्दी एक प्रभावशाली भाषा है और इसे एशिया की प्रतिनिधि भाषा के रूप में देखा जाता है।

अगर हमें हिन्दी को विश्व की लोकप्रिय भाषा बनानी है तो हमें इसे स्वाभिमान की भाषा के रूप में स्थापित करना होगा।“ डॉ. अंजनी कुमार श्रीवास्तव ने जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय, दिल्ली से पी-एच. डी. की उपाधि प्राप्त की है| वहाँ शोधार्थी रहते हुए इन्होने वैकल्पिक शिक्षक के रूप में अध्यापन भी किया है तथा जामिया मिल्लिया इस्लामिया, दिल्ली के हिन्दी विभाग में अतिथि शिक्षक के रूप में अध्यापन किया तत्पश्चात संघ लोक सेवा आयोग, दिल्ली द्वारा चयनित होकर अंडमान तथा निकोबार द्वीप समूह के जवाहरलाल नेहरू राजकीय महाविद्यालय, पोर्ट ब्लेयर तथा महात्मा गाँधी राजकीय महाविद्यालय, मायाबंदर में आठ वर्षों से अधिक समय तक असिस्टेंट प्रोफेसर के रूप में अध्यापन किया है|

बेगूसराय से सुमित कुमार की रिपोर्ट

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