अररिया में विपक्ष का शक्ति-प्रदर्शन, एक मंच पर नजर आयेगें तेजस्वी-शत्रु और कन्हैया कुमार

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अररिया में विपक्ष का शक्ति-प्रदर्शन, एक मंच पर नजर आयेगें तेजस्वी-शत्रु और कन्हैया कुमार

सिटी पोस्ट लाइव : शुक्रवार को अररिया में एक मंच पर पूरा विपक्ष दिखेगा. पूर्व सांसद स्वर्गीय तस्लीमुद्दीन के जन्मदिन के वर्षगांठ समारोह के मौके पर शुक्रवार को एक मंच पर विपक्ष के तमाम बड़े नेता नजर आयेगें. शुक्रवार को अररिया में बिहार के नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव, भाजपा सांसद शत्रुघ्न सिन्हा, जेएनयू छात्र संघ के पूर्व अध्यक्ष कन्हैया कुमार ,पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी, वीआईपी पार्टी के मुकेश सहनी एक साथ एक मंच पर खड़े नजर आयेगें.कार्यक्रम का आयोजन अररिया के वर्तमान सांसद व स्व. तस्लीमुद्दीन के बेटे सरफराज आलम ने किया है. शुक्रवार को इस कार्यक्रम का भव्य आयोजन अररिया के सुभाष चंद्र बोस स्टेडियम में किया जाएगा.अररिया में शुक्रवार को होने वाले इस आयोजन को एक बड़ी राजनीतिक तैयारी के रूप में भी देखा जा रहा है. इस मौके पर स्व. तस्लीमुद्दीन के बेटे सरफराज आलम को उनके राजनीतिक वारिस के तौर पर भी प्रोजेक्ट किया जाएगा.

कोसी और सीमांचल का यह इलाका राजनीतिकरूप से बेहद महत्वपूर्ण है. 6 लोकसभा सीट वाले सीमांचल के इन 4 जिलों – पूर्णिया, कटिहार, किशनगंज और अररिया में मुस्लिम आबादी 40 से 70% के बीच है. यह हर चुनाव में एक निर्णायक फैक्टर साबित होता है.साल 2015 के बिहार विधानसभा चुनाव में तब के JDU समेत  महागठबंधन ने सीमांचल और कोसी इलाके की 37 में से 29 विधानसभा सीटों पर कब्जा जमाया था. इनमें JDU  ने 14, RJD ने सात और कांग्रेस ने 8 सीटें जीती थी. भाजपा इस दौरान केवल 7 सीटों पर जीत दर्ज कर पायी थी. इससे पहले साल 2014 के लोकसभा चुनावों के दौरान मोदी लहर के बीच भी भाजपा इन इलाकों में केवल 2 लोकसभा सीटों पर जीत पायी थी.

इसबार लोक सभा के चुनाव में इस ईलाके में JDU के नेता नीतीश कुमार के सेक्यूलर क्रेडेंशियल की असली परीक्षा होनी है. इस इलाके में सबसे ज्यादा ताकत उनके दल को ही अल्पसंख्यकों से सौंपी है. अब देखना दिलचस्प होगा कि BJP के साथ दुबारा जाने के बाद नीतीश कुमार की पैठ अल्पसंख्यक समुदाय में किस हदतक बची है.

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