बिहार की जनता को डबल इंजन की सरकार के साथ विपक्ष ने किया छलने का काम : पप्पू यादव
सिटी पोस्ट लाइव : मुजफ्फरपुर में चमकी बुखार से हुई बच्चों की मौत, बिहार की बिगड़ती शिक्षा व्यवस्था, कोचिंग संस्थानों के बहाने माफिया राज, लू की चपेट में आये सैकड़ों लोगों की मौत, बिहार में बढ़ते अपराध, बलात्कार, स्वास्थ्य महकमों का खस्ता हाल, बिहार सरकार के बाढ़ को लेकर उदासीन रवैये के खिलाफ, बिहार एसएससी परीक्षाफल के प्रकाशन में हो रही देरी एवं रोजगार की तलाश में पलायन कर रहे नौजवानों के लिए राज्य में रोजगार सृजन के मुद्दे पर जन अधिकार पार्टी (लो) की ओर से विधान सभा घेराव के लिए शांतिपूर्ण मार्च किया। गांधी मैदान स्थित गांधी मूर्ति से शुरू हुए इस मार्च का नेतृत्व खुद पूर्व सांसद व पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष पप्पू यादव ने किया, जिसे पुलिस ने पटना के डाक बंगला चौराहे पर रोक दिया। इस दौरान पुलिस ने जन अधिकार पार्टी (लो) के छात्रों वाटर कैनन और लाठीचार्ज किया। इसमें सैकड़ों छात्र घायल हो गए और 300 से अधिक छात्रों ने गिरफ्तारी दी।
बाद में जाप (लो) अध्यक्ष पप्पू यादव ने जन मुद्दों को लेकर सत्ता और विपक्ष पर जमकर हमला बोला। उन्होंने कहा कि एक ओर डबल इंजन की सरकार ने बिहार की जनता को छलने का काम किया, तो दूसरी ओर विपक्ष को जनता से कोई सरोकार नहीं है। जनता के समस्याओं से बेखबर ‘चिरनिंद्रा’ में सोई बहरी-गूंगी नीतीश सरकार को जगाने के लिए जन अधिकार पार्टी(लो) के हजारों की संख्या में युवा कार्यकर्ता शांतिपूर्ण तरीके से विधानसभा घेराव को निकले थे, जहां एक बार फिर से बर्बर पुलिसिया कार्रवाई के जरिये बिहार की आवाज को बंद कराने कर कोशिश की है। लेकिन आराजक और निरंकुश एनडीए सरकार के प्रति इनका आक्रोश देखकर सहज अनुमान लगाया जा सकता है कि जनता का सरकार से पूर्ण मोह भंग हो गया है।
पप्पू यादव ने कहा कि आज बिहार के दर्जन भर से अधिक जिले बाढ़ ग्रस्त हैं, लेकिन प्रदेश की सरकार का रवैया उदासीन है। लू का हवाई सर्वे करने वाले मुख्यमंत्री भले बाढ़ से भी हवाई यात्रा कर आये हैं, फिर भी ग्रांउड जीरो पर सरकार की ओर से राहत व बचाव कार्य शुरू भी नहीं हुआ। उन्होंने कहा कि 15 साल से नीतीश सरकार सत्ता में है लेकिन अभी तक कोसी, मिथिलांचल और सीमांचल में बाढ़ की समस्या खत्म नहीं। नीतीश कुमार की सरकार पूरी तरह विफल साबित हुई है, चाहे वह लॉ एंड ऑर्डर का सवाल हो, अस्पताल का सवाल हो, शिक्षा का सवाल हो। उन्होंने कहा कि बाढ़ जैसे प्राकृतिक नेताओं, पदाधिकारियों और ठेकेदारों के लिए किसी उत्सव से कम नहीं है। ये चाहते हैं कि बाढ़ आये, ताकि ये राहत, बचाव और पुनर्वास के नाम पर करोड़ों रूपये का बंदर बांट कर सकें। आखिर क्या वजह है कि कोसी इलाके में बाढ़ से बचाव के लिए बांध पर दो लाख करोड़ से ज्यादा रूपए खर्च हो चुके हैं, फिर भी बाढ़ हर साल आती है। बांध हर साल टूटते हैं। ऐसे में इसकी जिम्मेवारी तय क्यों नहीं होती है। इसलिए हम मांग करते हैं कि इस मामले में जिम्मेवारी तय हो और दोषियों पर कार्रवाई है। इसके लिए हम 18 जुलाई को हाईकोर्ट में एक याचिका भी दायर करने वाले हैं।
उन्होंने कहा कि बिहार में 30 सालों से जंगलराज और माफियाराज चल रहा है, जिसमें बिहार की जनता पिस रही है। लगातार गरीबों की मौतें हो रही है। लेकिन सरकार को इससे कोई फर्क नहीं है। 90 प्रतिशत बच्चे यहां कुपोषित हैं। इसलिए मेरा सवाल है कि क्या अब बिहार को नया जनादेश की जरूरत नहीं है? सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में हाथ खड़े कर लिये हैं, तो क्या अब बिहार की गरीब कुपोषित जनता यूं ही मरती रहेगी। यह हमें समझने की जरूरत है और इसलिए हम कह रहे हैं कि जंगलराज और माफियाराज से मुक्ति के लिए बिहार को नये जनादेश की जरूरत है।
विधान सभा घेराव के दौरान पार्टी राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष अखलाक अहमद, राष्ट्रीय प्रधान महासचिव एजाज अहमद, प्रदेश अध्यक्ष रघुपति सिंह, प्रदेश कार्यकारी अध्यक्ष राघवेंद्र सिंह कुशवाहा, राष्ट्रीय महासचिव सह प्रवक्ता प्रेमचंद सिंह, राष्ट्रीय महासचिव राजेश रंजन पप्पू, राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य अकबर अली प्रवेज, प्रदेश प्रधान महासचिव सूर्य नारायण साहनी, छात्र के निवर्तमान प्रदेश अध्यक्ष गौतम आनंद, प्रदेश प्रवक्ता नागेंद्र सिंह त्यागी, मनोहर यादव ,संदीप सिंह समदर्शी ,शंकर पटेल, अरुण कुमार सिंह, मनीष यादव, आजाद चांद ,शौकत अली ,वकील दास, नैयर आलम, प्रिया राज, नवल किशोर यादव, निरंजन कुमार, बेस लाल यादव, राजीव कुमार कुसुम, जेडी यादव, रोहन कुमार, रजनीश तिवारी समेत हजारों छात्र नेता व कार्यकर्ता शामिल रहे।