यूपी से एक साथ आये तीन मजदूरों में से एक को रखा कोरेनटाईन में, दो को भेजा घर

City Post Live - Desk

यूपी से एक साथ आये तीन मजदूरों में से एक को रखा कोरेनटाईन में, दो को भेजा घर

सिटी पोस्ट लाइव : बिहार के सहरसा में यूपी से तीन मजदूर आएं हैं ।इन्होंने कभी ट्रक पकड़ा, कभी कोई गाड़ी की सवारी की फिर पाँव पैदल ही सहरसा पहुँचे हैं ।इसकी सूचना स्थानीय प्रतिनिधि को लगी ।उन्होंने इन तीनों से सारी बातों की जानकारी ली ।तीनों मज्जदूरों ने बताया कि वे यूपी से आये हैं ।आने के दौरान जो भी वाहन मिले उससे और पाँव-पैदल वे चार दिनों में सहरसा पहुंचे हैं ।वार्ड पार्षद ने इन तीनों को सदर अस्पताल पहुँचाया, जहां एक मजदूर को रोक लिया गया और दो को घर भेज दिया गया ।

आखिर जब तीनों एक साथ घर आये हैं,तो फिर कौन सी सुप्रीम जाँच के बूते दो मजदूरों को घर भेज दिया गया है ।पूरा मामला सहरसा जिला मुख्यालय के वार्ड नम्बर 12 का है ।इस वार्ड के मुसहरी टोले में यूपी से तीन मजदूर आये ।इसकी सूचना जैसे ही वार्ड संख्यां 12 के पार्षद राजेश कुमार सिंह को लगी, उन्होंने तीनों को,बिना समय गंवाये,सदर अस्पताल पहुँचाया ।वार्ड पार्षद राजेश कुमार सिंह बताते हैं कि सदर अस्पताल के आइसोलेशन वार्ड के अधिकारी ने ना जाने कौन सी जादूगरी दिखाई जिससे उनकी जांच,तुरन्त पूरी हो गयी ।

एक मजदूर को कोरेनटाईन के लिए रख लिया गया और दो को उनके घर भेज दिया गया ।अस्पताल कर्मी ने उन्हें बताया कि दो मजदूर को यहाँ रखने की कोई जरूरत नहीं है ।राजेश कुमार सिंह ने कहा कि तीनों मजदूर एक साथ आये हैं,तो फिर तीनों को ही आइसोलेशन वार्ड में रखा जाना चाहिए ।जांच के नाम पर सर पर एक मशीन सटाकर,बस टेम्पप्रेचर लिया गया और जाँच मुकम्मिल हो गयी ।वार्ड पार्षद ने जांच प्रक्रिया पर सवाल उठाते हुए कहा कि यहाँ कोई इंतजाम नहीं है,बस खानापूर्ती की जा रही है ।ऐसी स्थिति में बड़ा धमाका हो जाये,इससे इनकार नहीं किया जा सकता है ।

राजेश कुमार सिंह ने बेहद साफ लहजे में कहा कि जब सदर अस्पताल का यह आलम है,तो ग्रामीण स्तर की स्वास्थ्य व्यवस्था का सहज अंदाजा लगाया जा रहा है ।जिस तरह से बिहार सरकार और राज्य मुख्यालय के अधिकारी कोरोना वायरस को लेकर गम्भीर और चिंतित हैं,ठीक उससे उलट जिले में सारे अधिकारी,इसे बेहद हल्के और रूटीन वर्क के तौर पर ले रहे हैं ।ऐसी लापरवाही,किसी बड़े हादसे को निमंत्रण दे रहा है ।

सिटी पोस्ट के मैनेजिंग एडिटर मुकेश कुमार सिंह की स्पेशल रिपोर्ट

Share This Article