सिटी पोस्ट लाइव : लॉकडाउन के बाद एकबार फिर से अर्थ व्यवस्था पटरी पर लौटने लगी है.दो महीने अप्रैल और मई में जहां राज्य का अपने स्रोतों से कुल राजस्व संग्रह मात्र 1,785.33 करोड़ था, वहीं अनलॉकडाउन-1 यानी जून महीने में यह बढ़ कर 2,387.09 करोड़ हो गया है.अनलॉकडाउन का असर वाहनों की बिक्री पर सबसे ज्यादा दिखा है. अप्रैल और मई में जहां 14,562 वाहनों की बिक्री हुई थी वहीं लॉकडाउन हटने के बाद जून में यह बढ़ कर 96,302 हो गई.
अप्रैल-मई के मुकाबले बिहार में अनलॉक-01 होते ही पिछले तीस दिनों में लगभग एक लाख गाड़ियों की बिक्री हो गई है.बताया जा रहा है कि इस पीरियड में 66 करोड़ का कारोबार हुआ है.अनलॉक-1 में बिहार में 96,302 गाड़ियों की बिक्री हुई है. बिहार के डिप्टी सीएम और वित्त मंत्री सुशील कुमार मोदी ने बताया है कि अप्रैल और मई महीने में जहां 14,562 वाहनों की बिक्री हुई थी वहीं लॉकडाउन हटने के बाद जून में यह बढ़ कर 96,302 तक पहुंच गयी है.
डिप्टी सीएम सुशील मोदी ने बताया है कि अनलॉक के एक महीने में टैक्स कलेक्शन से लेकर वाहनों की बिक्री में भारी उछाल आया है. उन्होनें कहा कि अप्रैल और मई के मुकाबले जून में राज्य का राजस्व संग्रह 1,785.33 करोड़ के मुकाबले 2,387.09 करोड़ तक पहुंच गया है.
सुशील मोदी ने बताया कि अनलॉक-01 के दौरान निर्माण सहित अन्य कारोबार शुरू होने की वजह से सामानों की बिक्री में जबदस्त इजाफा हुआ है। अप्रैल और मई के दो महीने में जहां ई-वे बिल के जरिए बाहर से बिहार में बिकने के लिए 13,704 करोड़ का माल आया वहीं अकेले जून में यह बढ़ कर 13,662 करोड़ हो गया। इन सामानों में मुख्य रूप से सीमेंट, लोहा, दवा, वाहन, कपड़े व बिजली के उपकरण आदि शामिल हैं।