सिटी पोस्ट लाइव : नवगठित बिहार विधानसभा में पहले सत्र के आज आखिरी दिन भारी हंगामे के आसार हैं। विपक्ष ने इसके संकेत कल ही दे दिए थे। दरअसल राज्यपाल के अभिभाषण के बाद आरजेडी-कांग्रेस समेत तमाम विपक्षी सदस्यों ने कहा था कि अभिभाषण में 19 लाख रोजगा देने की बात नहीं कही गयी है जबकि बीजेपी ने 19 लाख रोजगार देने के बात चुनाव के पहले कही थी। अब आज राज्यपाल के अभिभाषण पर सरकार जवाब देगी तो विपक्ष उसे घेरने की पूरी तैयारी कर चुका है।
बिहार के राज्यपाल फागू चौहान के विधानसभा सत्र के दौरान अभिभाषण दौरान विपक्ष ने कल जमकर हंगामा किया था। राज्यपाल फागू चौहान सरकार की योजनाओं को सदन में रख रहे थे इसी दौरान विपक्ष ने जमकर हंगामा किया। राज्यपाल ने सात निश्चय योजनाओं की चर्चा की है जिसपर हंगामा हुआ।राज्यपाल फागू चौहान ने अपने अभिभाषण की सिर्फ दो लाइनें ही पढ़ीं थी कि विपक्ष की तरफ से हंगामा शुरु हो गया। इस दौरान विपक्षी आरजेडी के विधायक लगातार शोर करते रहे। इसी शोर-शराबे के बीच राज्यपाल फागू चौहान ने अपना अभिभाषण पूरा किया। विपक्ष ने सरकार की नीतियों को निशाना बनाकर राज्यपाल के अभिभाषण के बीच में ही हंगामा शुरू कर दिया था।
राज्यपाल के अभिभाषण के बाद विपक्ष ने राज्यपाल के अभिभाषण को सरकार के झूठ का पुलिंदा बताते हुए साफ तौर पर कह दिया था कि वे इसका पुरजोर विरोध करेंगे।कांग्रेस नेता प्रेमचंद मिश्रा ने कहा कि यह अभिभाषण एक रस्म अदायगी के सिवा और कुछ नहीं लगा। ऐसे में कांग्रेस पार्टी ने तय किया है कि वह अपने विभिन्न मुद्दों को लेकर अपना संशोधन प्रस्ताव देगी, जिसमें हमारा मुख्य रूप से फोकस अभी तक धान विक्रेय केंद्र का नहीं खोला जाना होगा, क्योंकि इस वजह से किसान की स्थिति बुरी हो गई है। इसके अलावा लॉ एंड ऑर्डर को लेकर भी हम संशोधन प्रस्ताव लाएंगे क्योंकि राज्य में लगातार अपराध की घटनाओं में बढ़ोतरी हुई है।
प्रेमचंद मिश्रा ने कहा कि बीजेपी ने रोजगार को लेकर लंबी चौड़ी बातें कही, 19 लाख रोजगार देने का वादा किया, लेकिन उसकी कोई चर्चा ही नहीं है। कोई रोड मैप इनके पास नहीं है। इसके अलावा भी कई ऐसे मामले हैं, जिसे हम अपने संशोधन प्रस्ताव में जगह देंगे और सरकार का ध्यान इस पर आकृष्ट करेंगे कि हमारे सुझाव को संबोधित करें। अगर विपक्ष से सकारात्मक सपोर्ट चाहते हैं तो, नहीं तो जो हमारा अधिकार है विरोध करने का वह हम लगातार जारी रखेंगे।
वहीं, आरजेडी के प्रवक्ता भाई वीरेंद्र ने भी कांग्रेस के सुर में सुर मिलाते हुए कहा कि महामहिम राज्यपाल का भाषण जो होता है वह सरकार द्वारा लिख कर दिया जाता है और वह झूठ का पुलिंदा था। ना उसमें बेरोजगार को रोजगार देने की चर्चा थी, ना छात्रों के हित की कोई चर्चा थी, ना मजदूरों को लेकर कोई बात कही गई, ना कोई किसानों की ही चर्चा थी। ऐसे में हम इस मामले को सदन में उठाने का काम करेंगे।
इधर, हंगामे को लेकर बीजेपी के कद्दावर नेता संजय मयूख ने कड़ी आपत्ति जताते हुए कहा कि जनता से नकारे हुए लोग आज इस तरह से व्यवहार कर रहे हैं। वह कहीं से भी संसदीय परंपरा के अनुकूल नहीं है, उन्हें कम से कम राज्यपाल का सम्मान करना चाहिए वह जिस प्रकार से सदन में चिल्ला रहे थे तो इन चिल्लाने वालो को मैं बता दूं कि चिल्लाने से विकास को रोका नहीं जा सकता।