सिटी पोस्ट लाइव : बिहार विधानसभा परिसर में बनाए जा रहे शताब्दी स्मृति स्तंभ के बदले अशोक स्तंभ बनाने की मांग जोर पकड़ रही है. RJD ने आरोप लगाया कि भाजपा एवं आरएसएस के संकेत पर राज्य सरकार बिहार की विरासत एवं स्मिता के साथ खिलवाड़ कर रही है. यह बहुजन और कुशवाहा समाज का अपमान है. विधायक राजवंशी महतो, फतेह बहादुर सिंह, वीरेंद्र कुशवाहा, शोभा प्रकाश, मधु मंजरी, निर्मल कुशवाहा, प्रदीप मेहता, राजेश यादव के साथ राजद के प्रदेश प्रधान महासचिव आलोक मेहता एवं राष्ट्रीय महासचिव श्याम रजक ने सम्राट अशोक के प्रति सम्मान को लेकर सरकार को आगाह किया है. बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव भी यह मसला उठा चुके हैं. बताया जा रहा है कि विधानसभा में बनाए जा रहे स्तंभ पर स्वस्तिक का चिह्न अंकित रहेगा. तेजस्वी यादव इसका विरोध कर रहे हैं. उनका कहना है कि स्तंभ पर स्वस्तिक की बजाय अशोक चक्र रहना चाहिए.
बिहार में प्रमुख विपक्षी दल राजद ने निर्माणाधीन लोकसभा भवन के माडल में स्पीकर के आसन के ऊपर से अशोक स्तंभ को हटाने का विरोध किया है. आलोक मेहता ने बिहार की धरती पर जन्मे अशोक को शांति-सद्भावना एवं भाईचारा का प्रतीक बताया और कहा कि अशोक चक्र और अशोक स्तंभ पर बिहार को गर्व है. आजादी के बाद अशोक स्तंभ को राष्ट्रीय प्रतीक चिह्न के रूप में अपनाया गया और अशोक चक्र को राष्ट्रीय झंडे में जगह दी गई, किंतु कुछ दिनों से देखा जा रहा कि आरएसएस, जदयू और भाजपा की सरकार द्वारा इसे हटाया जा रहा है. श्याम रजक ने सम्राट अशोक को बहुजन हिताय, बहुजन सुखाय के सोच वाला शासक बताया और कहा कि भारत असली विश्व गुरु अशोक के समय बना. फिर भी उनके विचारों और प्रतीक चिह्नों पर हमला किया जा रहा है.