सिटी पोस्ट लाइव : अपने देश में भले प्लंबर-कारपेंटर और इलेक्ट्रीशियन की कद्र नहीं है.लेकिन अमेरिका में प्लंबर, कारपेंटर और इलेक्ट्रीशियन को 60 लाख रुपये सालाना के पैकेज के ऑफर हैं फिर भी वो मिल नहीं रहे. जो पैकेज भारत में आईआईटियन और बड़ी कंपनियों के प्रोफेशनल्स पाते हैं, उतना अमेरिका में प्लंबर कमा रहा है. वहां इन जॉब्स के लिए लोग नहीं मिल रहे हैं. वहां इन स्किल बेस्ड वर्कर्स (Skill Based Workers) की काफी कमी हो गई है.
पारंपरिक तौर पर जो लोग पहले इन कामों से जुड़े थे, उनके बच्चे अब ये काम नहीं कर रहे हैं. ये अब ग्रेजुएशन के बाद व्हाइट कॉलर नौकरी करना चाहते हैं. ऐसे में इन जॉब्स के लिए बड़ी संख्या में पद खाली ही पड़े हुए हैं. साल 2021 में प्लंबर, कारपेंटर और इलेक्ट्रीशियन जैसी जॉब्स के लिए 40 से 60 लाख रुपये सालाना के पैकेज भी ऑफर हो चुके हैं.प्लंबर, कारपेंटर और इलेक्ट्रीशियन जैसे कार्यों में रुचि रखने वाले स्टूडेंट्स की संख्या लगातार घट रही है. पहले इन कामों में लगे पेरेंट्स अपने बच्चों को स्किल सीखने के बजाये कॉलेज जाने के लिए प्रोत्साहित करते हैं. ये बच्चे ग्रेजुएट होने के बजाए व्हाइट कॉलर जॉब्स करना पसंद करते हैं.
प्लंबर, कारपेंटर और इलेक्ट्रीशियन… ये ऐसे लोग हैं, जिनकी हमें जीवन में बार-बार जरूरत पड़ती है. कईबार इन्हें ढूंढना एक मुश्किल हो जाता है.मिलते भी हैं तो काफी महंगे. इन कामों में मोटा पैसा मिलने के बावजूद युवा इन कामों को नहीं कर रहे हैं. अमेरिकी सरकार सड़कों और ट्रांजिट सिस्ट्म को अपग्रेड कर रही है. इसके लिए प्रोजेक्ट्स पर अरबों रुपये भी खर्च किये जा रहे हैं. सरकार को इन प्रोजेक्ट्स के लिए स्किल्ड वर्कर्स की जरूरत है. लेकिन समस्या यह है कि लोग ही नहीं मिल रहे हैं. यह तब है, जब जमकर पैसा ऑफर किया जा रहा है.