सिटी पोस्ट लाइव : भारत में ऑक्सफोर्ड-ऐस्ट्राजेनेका की कोविशील्ड वैक्सीन की दो खुराकों के बीच के अंतराल को घटाकर दो महीने करने पर सरकार विचार कर रही है.कोरोना टीकाकरण की रणनीति से जुड़े सरकार के एक्सपर्ट्स इसको लेकर कई दौर की बैठकें भी कर चुके हैं, दरअसल, यह सबूत मिले हैं कि कोरोना के डेल्टा वैरिएंट की वजह से अस्पतालों में भर्ती होने और संक्रमण तेजी से फैलने का खतरा तेजी से बढ़ रहा है और कोविशील्ड वैक्सीन की दो खुराकों के बीच अंतराल घटाने से इस वैरिएंट से सुरक्षा होती है.
इससे पहले 13 मई को ही भारत ने कोविशील्ड की दो खुराकों के बीच के अंतराल को बढ़ाकर कम-से-कम 12 हफ्ते और अधिकतम 16 हफ्ते किया था. इसको लेकर यूके के डेटा का हवाला दिया गया था लेकिन तीन दिन बाद ही यूके ने खुद अंतराल घटाकर 12 से 8 हफ्ते कर दिया. डेल्टा वैरिएंट के खतरे को भांपते हुए यह अंतराल 50 या उससे ज्यादा आयु के लोगों के लिए घटाया गया. यूके में कोरोना का डेल्टा वैरिएंट फिर से फैलने लगा है. सोमवार को यूके ने ताजा आंकड़े जारी किए, जिसके मुताबिक जिन लोगों ने ऑक्सफोर्ड-ऐस्ट्राजेनेका के टीके की दोनों खुराकें ले ली हैं, उन्हें अस्पतालों में भर्ती नहीं होना पड़ा. जिन्होंने सिर्फ एक खुराक ली है, ऐसे लोगों में अस्तापताल में भर्ती होने की आशंका ज्यादा थी.
अब भारत में भी बड़ी संख्या में एक्सपर्ट्स सरकार से अंतराल घटाने को कह रहा है. डेल्टा वेरिएंट को ही यहां भी सबसे खतरनाक स्ट्रेन माना जा रहा है.एक अध्ययन में पब्लिक हेल्थ इंग्लैंड ने बताया कि डेल्टा वैरिएंट के सिम्पोटमैटिक मामलों में देखा गया कि अगर किसी ने टीके की एक ही खुराक ली है तो उसमें इसका असर 30 फीसदी तक गिर गया, जबकि जिन्होंने दोनों खुराकें ली हैं उनमें 67 फीसदी प्रतिरोधक क्षमता थी.गौरतलब है कि जब भारत में 4 हफ्ते के अंतराल पर टीका दिया जा रहा था उस समय यूके में यह अंतराल 12 हफ्ते का था.