सिटी पोस्ट लाइव : कोरोना संक्रमा से देश पिछले डेढ़ साल से बेहाल है.कोरोना संकट की वजह से देश की अर्थ व्यवस्था चरमरा गई है.ऑटो industry पर भी इसका खासा प्रभाव पड़ा है. अप्रैल और मई में कार की बिक्री में भारी गिरावट दर्ज की गई है. कई राज्यों में लॉकडाउन जैसे प्रतिबंधों की वजह से शोरूम बंद रहे, जिससे बिक्री प्रभावित हुई. लेकिन अब ऑटोमोबाइल्स कंपनियों का कहना है कि जून के अंत तक स्थिति सामान्य होने की उम्मीद है.
देश अभी कोरोना की दूसरी लहर की चपेट से पूरी तरह से बाहर नहीं निकल पाया है. जबकि तीसरी लहर आने की आशंका जताई जा रही है. कहा जा रहा है कि अक्टूबर में कोरोना की तीसरी लहर आ सकती है. ऐसे में अभी कार खरीदना सही बेहतर फैसला नहीं होगा, खासकर मध्यवर्गीय परिवार को अभी कुछ महीने इंतजार करना चाहिए. फिलहाल कुछ गाड़ियों को छोड़कर कारों पर अभी कोई बड़ा ऑफर नहीं मिल रहा है. अगर आप अभी कार लेते हैं तो फिर पूरी कीमत चुकानी होगी. जबकि फेस्टिव सीजन और ईयर एंड में कार खरीदकर आप कुछ पैसे बचा सकते हैं. अगर आप पहली कार लेने की सोच रहे हैं तो फिर ऑफर का इंतजार कर सकते हैं.
फेस्टिव सीजन में छूट: फेस्टिव सीजन के दौरान ऑटो कंपनियां बिक्री बढ़ाने के लिए कई तरह की स्कीम्स लेकर आती हैं. कैश छूट, एक्सचेंज बोनस के अलावा ऑटो कंपनियां न्यूनतम ब्याज दर पर फाइनेंस की भी सुविधा देती हैं. साथ ही डाउनपेमेंट पर भी छूट का विकल्प मिलता है. ऐसे में अभी लेने से बेहतर है कि कम से कम तीन महीने का इंतजार करें. कोरोना संकट की वजह से अधिकतर कंपनियां अपने कर्मचारियों को वर्क फ्रॉम होम (WFH) की सुविधा दे रही हैं. अगर आप WFH कर रहे हैं और कार लेने की सोच रहे हैं तो फिर आप कुछ समय के लिए इस फैसले को टाल सकते हैं. क्योंकि एक्सपर्ट कोरोना की तीसरी लहर की बात कर रहे हैं. जिससे अगले कुछ महीनों तक दरफ्तर जाना संभव नहीं है, फिर कार की बहुत ज्यादा जरूरत नहीं बच जाती है.
कोरोना संकट की वजह से बड़े पैमाने पर लोग बेरोजगार हुए हैं. अभी भी कोरोना को लेकर स्थिति गंभीर बनी हुई है, क्योंकि इसी साल तीसरी लहर आने की आशंका जताई जा रही है. ऐसे में अगर आप कार्यरत हैं तो फिर सेविंग पर फोकस करें, जिससे संकट के दौर में आर्थिक तंगी का सामना न करना पड़े. खासकर मध्यमवर्गीय परिवार अभी ज्यादा जरूरत न हो तो फिर शौक के लिए कार खरीदने से बचें.