CAA के विरोध में जारी आंदोलन से गैर-मुस्लिम समाज को जोड़ नहीं पा रहा विपक्ष
सिटी पोस्ट लाइव : नागरिकता संशोधन कानून को लेकर देश भर में मुस्लिम समुदाय का विरोध प्रदर्शन और धरना का कार्यक्रम जारी है.विपक्ष इस आन्दोलन को धार देकर सत्ता पक्ष की घेराबंदी करने में जी-जान से जुटा है. लेकिन उसकी मुश्किल ये है कि वह इस आन्दोलन से गैर-मुस्लिम समुदाय के लोगों को जोड़ नहीं पा रहा है. इस आन्दोलन से गैर-मुस्लिम समाज के लोगों के नहीं जुड़ने से विपक्ष के नेता चिंतित हैं. कैसे गैर-मुस्लिम समाज को नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में जारी आन्दोलन से जोड़ा जाए इसको लेकर गुरुवार को ईमारत-ए-शरिया में विपक्ष के नेताओं की बैठक बुलाई गई. तेजस्वी यादव को छोड़कर तमाम विपक्षी दलों के नेता इसमे शामिल हुए.
पूर्व संसद पप्पू यादव, उपेन्द्र कुशवाहा और जीतन राम मांझी सबने नागरिकता संशोधन कानून को दलितों, पिछड़ों और अति-पिछड़ों के खिलाफ बताते हुए कहा कि गैर-मुस्लिम समाज के लोगों को ये समझाना जरुरी है कि कैसे यह कानून केवल मुस्लिम के खिलाफ नहीं बल्कि हर उस गरीब के खिलाफ है जो भूमिहीन है, जिसके पास कोई कागजात नहीं है. पप्पू यादव ने स्वीकार किया कि तमाम कोशिश के वावजूद अभीतक विपक्ष गैर-मुस्लिम समाज को नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में जारी आन्दोलन से जोड़ नहीं पाया है.पप्पू यादव ने कहा कि जबतक गैर-मुस्लिम समाज नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में सड़क पर नहीं उतरेगा, यह आन्दोलन मुकाम नहीं पा सकेगा.
इसी तरह की चिंता जीतन राम मांझी, उपेन्द्र कुशवाहा समेत तमाम विपक्ष के नेताओं ने व्यक्त की. सबने दलितों-अति-पिछड़ों को इसान्दोलन से जोड़ने के लिए विशेष कार्यक्रम आयोजित करने की रणनीति पर जोर दिया.जीतन राम मांझी ने कहा कि इस कानून से गरीबों का सबसे ज्यादा अहित होगा जबकि बीजेपी ये अफवाह फैला रही है कि इस कानून से केवल अल्पसंख्यक खासतौर पर मुस्लिम समाज प्रभावित होगा.सभी नेताओं ने स्वीकार किया कि अबतक वो गैर-मुस्लिम समाज को वो ये नहीं समझा पाए हैं कि इस कानून से उनकी मुश्किलें भी बढ़ेगी.