सिटी पोस्ट लाईव : मोदी सरकार ने अब एक तगड़ा झटका अपने लाखों कर्मचारियों को दिया है. एक तरफ सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों को लागू कर केंद्र सरकार ने अपने कर्मचारियों के वेतन में भारी ईजाफा किया वहीँ दूसरी तरफ एक बड़ा फरमान जारी कर दिया है. इस नए आदेश के अनुसार अब केवल ऑपरेशनल कर्मचारियों को ही ओवरटाइम एलाउएंस मिलेगा. मतलब जो कर्म्चारे ऑपरेशनल नहीं हैं,उन्हें अब कोई भत्ता या ओवर टाइम नहीं मिलेगा .
यह आदेश केंद्र सरकार के सभी मंत्रालयों और विभागों के कर्मचारियों पर लागू होगा .ऑपरेशनल स्टाफ के ओवरटाइम भत्ता की दर में कोई संशोधन नहीं किया जायेगा. वर्ष 1991 में जारी आदेश के अनुसार उन्हें भुगतान होता रहेगा . कार्मिक मंत्रालय ने साफ़ कर दिया है कि “ओटीए केवल तभी भुगतान किया जाना चाहिए जब उसके वरिष्ठ अधिकारी संबंधित कर्मचारी को काम की तत्काल प्रकृति में कार्यालय में वापस बुलाने के लिए लिखित रूप में निर्देशित करते हैं.”
दरअसल, दफ्तर के ठीक से काम करने और व्यवस्था को बनाये रखने का काम जो कर्मचारी करते हैं, उन्हें ऑपरेशनल कर्मचारी कहा जाता है. मेकैनिकल और इलेक्ट्रिकल उपकरणों की मरम्मत और देखभाल करने वाले कर्मचारी इस श्रेणी में आते हैं. मंत्रालय ने संबंधित मंत्रालयों / विभागों के प्रशासनिक विभाग से ऑपरेशनल स्टाफ की लिस्ट तैयार करने को कहा है. गौरतलब है कि केंद्र सरकार के एक करोड़ से अधिक कर्मचारियों व पेंशनधारकों के वेतन-भत्तों व पेंशन में सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों के आधार पर बढ़ोतरी करने के फैसले का सरकारी खजाने पर बहुत गहरा असर पड़ा है.