नीतीश सरकार के सेक्युलर क्रेडेंशियल पर मंत्री ने फेरा पानी, ठुकराई मुसलमानी टोपी!
सिटी पोस्ट लाइव : आरजेडी के पक्ष में अल्पसंख्यकों की गोलबंदी को तोड़ने की कवायद में जेडीयू जी-जान से जुटी हुई है. लेकिन उसके इस कोशिश को पलीता लगा दिया है नीतीश कैबिनेट के एक कबीना मंत्री ने. नीतीश कैबिनेट के इस वरीय मंत्री ने सार्वजनिक मंच से मुस्लिम टोपी को ठुकरा कर एक नए विवाद को जन्म दे दिया है. दरसल, नीतीश कुमार के मंत्रिमंडल के ख़ास कबीना मंत्री बिजेंद्र यादव तालीमी बेदारी कॉन्फ्रेंस में शामिल होने के लिए कटिहार पहुंचे थे. उनके साथ विधान परिषद के उपसभापति हारून रशीद, एमएलसी खालिद अनवर समेत कई नेता इस कार्यक्रम में पहुंचे थे. यहां मंच पर स्वागत के दौरान सभी मुख्य अतिथियों को सम्मान स्वरूप टोपी पहनाई गई. लेकिन मंत्री बिजेंद्र यादव ने इस्लामी टोपी पहनने से इनकार कर दिया.
बिजेंद्र यादव के इस रवैये को लेकर राजनीति भी शुरू हो गई है. जनचेतना मंच के अध्यक्ष मोहम्मद सलाउद्दीन ने कहा कि जेडीयू अब पूरी तरह से बीजेपी के एजेंडे पर काम कर रही है. इसलिए पहले तो मंत्री जी ने मजार पर जाने से मना किया और फिर सार्वजनिक मंच पर अल्पसंख्यको की आस्था से जुड़ी टोपी पहनने से इनकार कर दिया. इस मामले पर बिजेंद्र यादव ने अभीतक कोई सफाई नहीं दी है.लेकिन इस मामले पर सफाई देते हुए जेडीयू अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ के जिलाध्यक्ष मोहम्मद मोजिद ने कहा कि बिजेंद्र यादव ने टोपी भले नहीं पहनी, लेकिन कबूल तो ली है, इसलिए इस बात पर राजनीति नहीं होनी चाहिए.
सबसे बड़ा सवाल आरजेडी की तरफ से उठाया जा रहा है.आरजेडी के नेता तेजस्वी यादव भला ऐसा मौका किसे गवां सकते हैं. उन्होंने कहा कि बीजेपी के साथ रहकर अपना सेक्यूलर क्रेडेंशियल सलामत रखने की नीतीश कुमारकी कवायद की पोल खुल गई है . उन्होंने कहा कि जिस तरह से नीतीश कुमार के कबीना मंत्री ने पहले तो मंत्री जी ने मजार पर जाने से मना किया और फिर सार्वजनिक मंच पर अल्पसंख्यको की आस्था से जुड़ी टोपी पहनने से इनकार कर ये साफ़ कर दिया है कि नीतीश कुमार की पार्टी सेक्यूलर होने का दिखावा कर रही है. उनकी पार्टी अल्पसंख्यकों से ग्रीन करती है. नीतीश कुमार का मकसद सिर्फ इतना भर है कि अल्पसंख्यकों को छलना है .