2012 में किए वादे को मैंने निभाया, आज हर गांव और टोले तक पहुंची बिजली : सीएम
सिटी पोस्ट लाइव : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शुक्रवार को विद्युत भवन परिसर में 7522.38 करोड़ रुपए की योजनाओं का रिमोट के माध्यम से शिलान्यास, उद्घाटन एवं लोकार्पण किया। इस अवसर पर कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि आज ऊर्जा विभाग अपने कामों को जितनी तेजी से कर रहा है, उससे हम सबको काफी प्रसन्नता हो रही है। राज्य के अधिक से अधिक लोग बिजली के क्षेत्र में किए गए कार्य से संतुष्ट हैं। 6 वर्ष पूर्व 15 अगस्त 2012 को मैंने ऐतिहासिक गाॅधी मैदान में झंडोतोलन के बाद अपने भाषण के दौरान कहा था कि अगर बिजली की स्थिति में सुधार नहीं कर पाए तो 2015 के चुनाव में वोट नहीं मांगेंगे। इन छह वर्षों में बिजली के क्षेत्र में तेजी से काम हुआ है। हर गांव एवं हर टोले तक बिजली पहुंच गई है। जैसा कि ऊर्जा विभाग के प्रधान सचिव ने बताया कि 38 जिलों में से 17 जिलों में हर इच्छित व्यक्ति के घर तक बिजली पहुंचा दी गई है। इन 17 जिलों में से 10 जिले उत्तर बिहार के हैं और 7 जिले दक्षिण बिहार के हैं। सात निश्चय में से एक निश्चय हर घर तक बिजली पहुंचाने का लक्ष्य है, जो कि इस वर्ष के अंत तक पूर्ण होना है, इस संबंध में ऊर्जा विभाग के प्रधान सचिव ने भी आश्वस्त किया है।मुख्यमंत्री ने कहा कि जब हम 2005 में सत्ता संभाले थे, उस समय बिजली की आपूर्ति लगभग 700 मेगावाट थी, इसमें से कुछ बिजली नेपाल को और कुछ रेलवे को उपलब्ध कराई जाती थी। 15 अगस्त 2012 को बिजली के संबंध में जो बातें मैंने कही थी, उस दौरान राज्य को करीब 1751 मेगावाट बिजली आपूर्ति हो रही थी। वर्ष 2018 के जुलाई माह तक 5008 मेगावाट की बिजली आपूर्ति हो रही है। बिजली के क्षेत्र में आज हम इतनी बड़ी उपलब्धि हासिल कर चुके हैं। मुख्यमंत्री ने ऊर्जा विभाग को सुझाव देते हुए कहा कि उपभोक्ताओं को बिजली बिल समय पर उपलब्ध कराएं। पहले लोगों को बिजली बिल समय पर नहीं मिलता था, जो बिजली का बिल मिलता था, उसमें भी काफी गड़बड़ियाॅ रहती थीं। अब इस क्षेत्र में तेजी से काम हुआ है और स्थिति में सुधार हो रहा है। अब स्पॉट बिलिंग की व्यवस्था की जा रही है, जिससे समय पर बिजली बिल का भुगतान हो रहा है। इससे विद्युत विभाग की आमदनी में बढ़ोतरी हो रही है। पिछले वित्तीय वर्ष में 8000 करोड़ रुपए की आमदनी इस विभाग को हुई थी। ए0टी0 एंड सी0 (एग्रिगेट टेक्नीकल एंड काॅमर्शियल) लॉस 40 प्रतिशत से घटकर अब 33 प्रतिशत हो चुका है। इसे 25 प्रतिशत करने का लक्ष्य रखा गया है। ऊर्जा विभाग इसके लिए संकल्पित है। सारी चीजों को समय पर उपलब्ध कराकर इस लक्ष्य को घटाकर 10 प्रतिशत तक कर दिया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि 2018-19 में राज्य सरकार 3137 करोड़ रुपए की राशि इस मद में अनुदान के रुप में खर्च करेगी। राज्य सरकार बिजली आपूर्ति के मद में विद्युत कंपनियों को होने वाले घाटे को अपने बजट से अनुदान देकर भरपाई करती है। धीरे-धीरे यह अनुदान घट रहा है और होने वाले घाटे में कमी आ रही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि बिजली चोरी की समस्याओं का समाधान भी किया जा रहा है, इसके लिए नए तरीके लागू किए जा रहे हैं। अब सप्लाई के तार कोटेड रहेंगे। जर्जर तारों को बदलना भी एक महत्वपूर्ण कार्य है। तार के गिरने से होने वाली मौत काफी मर्माहत होती है। पुराने एवं जर्जर तारों को बदलने के लिए 3000 करोड़ रुपए की योजनाओं का शुभारंभ पहले ही किया जा चुका है। इस कार्य को पूर्ण करने के लिए विभाग ने तीन वर्ष का लक्ष्य रखा है। मैं आपलोगों से कहना चाहता हूं इस महत्वपूर्ण कार्य को दो साल में ही पूर्ण करें।