सिटी पोस्ट लाइव : बीजेपी के आरक्षण विरोधी होने की अफवाह कहीं चुनाव में एक बड़ी चुनौती न बन जाए, इसको लेकर अभी से बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार बेहद सावधान हैं. गौरतलब है कि पिछले चुनाव के पहले जिस तरह से संघ प्रमुख भगवत के आरक्षण पर दिए गए बयान को मुद्दा बनाकर बीजेपी की हवा लालू यादव ने निकाल दी थी . मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आरक्षण के मुद्दे पर एक बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा कि कोई भी आरक्षण के साथ छेड़छाड़ नहीं कर सकता है.इस आरक्षण को बचाने के लिए वो हर कुर्बानी देने को हमेशा तैयार हैं. पटना में अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति उद्ममी योजना के शुभारंभ कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने कहा कि दलित समुदाय के आरक्षण के लिए वो किसी हद तक जा सकते हैं. समाज के पिछड़े तबके के लोग हमेशा से उनकी प्राथमिकता में रहे हैं.
सीएम नीतीश ने कहा कि जहां तक हक और अधिकार का प्रश्न है एससी और एसटी के अधिकारी को कोई नहीं छिन सकता है. धरती पर किसी के पास दम नहीं है जो आरक्षण के अधिकार को छीन सकता है. हमलोगों को जो भी कुर्बानी देनी पड़ेगी तो देंगे अगर कोई इसे छिनने की कोशिश करेगा. उन्होंने कहा कि समाज के हर तबके के लोगों को हमलोगों ने काम दिया है. खासतौर से उस तबके को जो मुख्यधारा से अलग रहे हैं और आज इसका लाभ लोगों को मिल रहा है. सीएम ने कहा कि हम निगेटिव बात नहीं करने हैं. निगेटिव बात करने वाले लोगों से उनका कोई लेना देना नहीं है. हम तो काम पॉजिटिव डायरेक्शन में करते हैं और करते रहेंगे.
मुख्यमंत्री ने कहा कि दलित उद्यमी योजना के तहत दलित उद्यमियों को दस लाख रुपये की मदद दी जा रही है. जिसमें पांच लाख अनुदान सरकार दे रही है और बाक़ी के पांच लाख रुपये बहुत कम ब्याज दर पर मुहैया कराया जा रहा है.इस मौके पर उद्योग मंत्री जय कुमार सिंह ने कहा कि वो सभी क्षेत्रों में दलित समुदाय की भूमिका देखना चाहते हैं और बिहार सरकार ने इस योजना को खासतौर से इसी समुदाय के लोगों के लिए लेकर आयी है.दरअसल, आरक्षण को मुद्दा बनाकर ही पीछालीबार लालू यादव ने बीजेपी को बिहार में सरकार बनाने से रोक दिया था.इसबार भी यह आरक्षण बड़ा मुद्दा बन सकता है क्योंकि विपक्ष लगातार ये सन्देश दलितों और पिछड़ों के बीच देने की कोशिश कर रहा है कि बीजेपी आरक्षण विरोधी है .