अति-पिछड़ों-दलितों के चैंपियन के रूप में JDU कर रही नीतीश कुमार प्रोजेक्शन

City Post Live

सिटी पोस्ट लाइव : JDU चुनाव तैयारी में जी-जान से जुट गया है.JDU दलितों-अति-पिछड़ों की गोलबंदी पर ज्यादा फोकस कर रहा है. JDU के नेता आरसीपी सिंह वर्चुअल रैलियों के जरिये ये संदेश देने की कोशिश ककर रहे हैं कि भले बाबा साहेब ने तो दलितों को आरक्षण संसद में दिया था, लेकिन उसे पंचायतों तक पहुंचाने का काम बिहार के सीएम नीतीश कुमार ने किया है. चाहे दलित नेता कोई हो लेकिन दलितों के लिए काम नीतीश कुमार ने ही किया है.

आरसीपी सिंह ने आज गूगल मीट एवं फेसबुक लाइव के माध्यम से JDU महादलित प्रकोष्ठ से संवाद किया. प्रकोष्ठ के प्रदेश अध्यक्ष रूबेल रविदास की अध्यक्षता में आयोजित आज के वर्चुअल संवाद में पूर्व विधायक एवं पटना ग्रामीण जदयू अध्यक्ष अरुण मांझी, राज्य महादलित आयोग के पूर्व अध्यक्ष एवं जदयू राज्य कार्यकारिणी सदस्य डॉ. हुलेश मांझी एवं जदयू मीडिया सेल के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. अमरदीप मौजूद रहे.

इस मौके पर अपने संबोधन में आरसीपी सिंह ने बाबासाहेब भीमराव अंबेडकर को स्मरण करते हुए कहा कि भारतीय संविधान के माध्यम से उन्होंने ही सबको एक साथ वोट देने का अधिकार दिया और आरक्षण देकर सदियों से वंचित समाज की संसद में भागीदारी सुनिश्चित की.लेकिन  मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बिहार में 2006 में पंचायती राज व्यवस्था में अनुसूचित जाति को आबादी के अनुरूप 16 प्रतिशत आरक्षण दिया. बाबासाहेब ने संसद में जो आरक्षण दिया उसे नीतीश कुमार ने पंचायतों तक पहुंचाया. इससे बिहार में लोकतंत्र सशक्त और समावेशी हुआ.

आरसीपी सिंह ने कहा कि विपक्ष के लोग आज माफी मांगते चल रहे हैं, लेकिन जब उन्हें 15 साल मौका मिला तो उन्होंने वंचितों की केवल हकमारी की. 1978 के बाद 2001 में बिहार में पंचायती चुनाव हुए लेकिन उनलोगों ने इस समाज को आरक्षण नहीं दिया. उस समय यह समाज न केवल सामाजिक, आर्थिक, राजनीतिक रूप से प्रताड़ित था बल्कि उन 15 वर्षों में हुए 118 नरसंहारों में मरने वालों में भी इस समाज के लोगों की बड़ी संख्या थी. नीतीश कुमार ने अपने शासनकाल में इस पूरे परिदृश्य को बदल दिया.उन्होंने वंचितों को उनका हक़ दिला दिया और वो भी वगैर किसी तनाव और हंगामे के.

उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार ने महादलितों के सर्वांगीण विकास के लिए राज्य महादलित आयोग का गठन किया और महादलित विकास मिशन की स्थापना की. बड़ी संख्या में टोला सेवकों और विकास मित्रों की नियुक्ति हुई. आज हर गांव में प्राइमरी स्कूल, हर तीन किलोमीटर पर मिडिल स्कूल और हर पंचायत में हाई स्कूल हैं. पोशाक और भोजन से लेकर छात्रावास तक की व्यवस्था सरकार कर रही है. छात्रावास में रहने वालों को प्रतिमाह एक हजार रुपए और 15 किलो अनाज सरकार द्वारा दिए जा रहे हैं. स्टूडेंट क्रेडिट योजना के तहत चार लाख तक का ऋण है, जिसकी गारंटर सरकार खुद है. आज पढ़ने पर आपको एक पैसा भी खर्च नहीं करना है. राज्य सरकार ने सिर्फ शिक्षा के लिए 35161 करोड़ का बजट रखा है. आप बिना किसी चिन्ता और संकोच के अपने बच्चों को अच्छी से अच्छी शिक्षा दिलाइए, संसाधन की चिन्ता श्री नीतीश कुमार करेंगे.

आरसीपी सिंह ने कहा कि नीतीश कुमार राज्य के मानव संसाधन को मजबूत और सशक्त बनाना चाहते हैं. अनुसूचित जाति-जनजाति कल्याण का जो बजट 2005 में मात्र 40 करोड़ था, आज 2020-21 में वो 17415 करोड़ है. बीपीएससी की प्रारंभिक परीक्षा पास करने वाले वंचित समाज के चार हजार से ज्यादा छात्र-छात्राओं को 50 हजार और यूपीएससी की प्रारंभिक परीक्षा पास करने वाले 100 से ज्यादा छात्र-छात्राओं को एक लाख लाख रुपए की राशि दी जा चुकी है. उन्होंने कहा कि सात निश्चय के तहत भी महादलितों का विशेष ध्यान रखा गया है. जहां महादलित समाज के लोग 100 की संख्या में भी हैं उस टोले को पक्की सड़क से जोड़ा जा रहा है. आज उनके दरवाजे तक पक्की सड़क है. घर में नल का स्वच्छ जल है. घर में शौचालय हैं जो कि आपके जीवन, सुरक्षा और सम्मान से जुड़ा है। नए आवास को बनाने और पुराने की मरम्मत के लिए भी सरकार सहायता कर रही है.

उन्होंने गूगल मीट एवं फेसबुक लाइव से जुड़े सभी प्रकोष्ठ के जिला, प्रखंड एवं पंचायत स्तर के सभी पदाधिकारियों को महीने में कम-से-कम 10 दिन का भ्रमण कार्यक्रम बनाने का निर्देश दिया. आप जहां हैं वहीं पंचायतों में जाएं और महादलित समाज के लोगों से मिलकर कल्याणकारी योजनाओं की जानकारी दें और चुनाव की भी चर्चा करें.जाहिर है JDU नीतीश कुमार को दलितों-अति-पिछड़ों के चैम्पियन के तौर पर प्रोजेक्ट करने की योजना पर काम कर रही है.

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