सिटी पोस्ट लाइव :बिहार में भले नीतीश कुमार बीजेपी के साथ सरकार चला रहे हैं लेकिन उनके विचार बीजेपी से मेल नहीं खाते.बीजेपी के साथ डेढ़ दशक से ज्यादा दिनों तक सरकार चलाने के बावजूद अपना सेक्युलर क्रेडेंशियल बचाए रखने में कामयाब नीतीश कुमार बीजेपी के साथ सरकार चलते हुए भी बीजेपी से दुरी बनाते हुए दिखाई दे रहे हैं.आजकल वो एक सोंची समझी रणनीति के तहत बीजेपी से दुरी बनाए हुए हैं. नीतीश कुमार ने BJP द्वारा आयोजित कई कार्यक्रमों से अपने आप को अलग रखे हुए हैं. अब खबर ये आ रही है कि नीतीश कुमार राष्ट्रपति के शपथ ग्रहण समारोह में भी हिस्सा नहीं लेंगे.
JDU की तरफ से कहा गया है कि नीतीश कुमार मनरेगा को लेकर आयोजित बैठक में हिस्सा लेने के कारण इस कार्यक्रम में हिस्सा नहीं लेंगे. हालांकि, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार लगातार समय समय पर विभागों और योजनाओं की समीक्षा करते रहे हैं. लेकिन, जिस मन से उन्होंने द्रौपदी मुर्मू को समर्थन दिया था उस मन से उनके शपथग्रहण में शामिल नहीं हो रहे हैं. आज द्रौपदी मुर्मू भारत की राष्ट्रपति के तौर पर शपथ लेंगी.लेकिन इस कार्यक्रम में नीतीश कुमार का नहीं शामिल होना बहुत बड़ा राजनीतिक मायने रखता है.
ये पहली बार नही जब CM नीतीश कुमार ने दिल्ली से अपनी दूरी बनाए हुए हैं. इससे पहले 17 जुलाई को उन्होंने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह द्वारा बुलाई गई मुख्यमंत्रियों की एक बैठक में भी हिस्सा नहीं लिया था. राष्ट्रीय ध्वज से संबंधित मुद्दों पर चर्चा के लिए बुलाई गई बैठक में BJP कोटे से उपमुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद बिहार से हिस्सा लेने पहुंचे थे.
पूर्व राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद की विदाई के सम्मान में PM नरेंद्र मोदी द्वारा आयोजित रात्रिभोज में भी नीतीश कुमार शामिल नहीं हुए थे. उस समय नीतीश कुमार ने विधान परिषद के सात नवनिर्वाचित सदस्यों के शपथ समारोह का हवाला देते हुए अपने आप को उस कार्यक्रम से अलग रखा था.दरअसल, PM नरेंद्र मोदी विधानसभा के कार्यक्रम में आए थे. उस कार्यक्रम में स्मारिका का विमोचन किया गया, लेकिन उस स्मारिका CM नीतीश कुमार की तस्वीर नहीं थी. विधानसभा अध्यक्ष विजय सिन्हा ने पांच के CM नीतीश कुमार की कोई चर्चा तक नहीं की.इधर, केंद्रीय योजना अग्निवीर को लेकर भी BJP और JDU के बीच तल्खियां बढी है. BJP प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल ने सरकार पर सवाल उठाते हुए अग्निवीर के लिए हो रहे हंगामे को शांत कराने में सरकार को असफल बताया था. हाल में, JDU के वरिष्ठ मंत्री विजेंद्र प्रसाद यादव ने साफ कहा कि अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार के बाद कोई कॉडिनेशन NDA में नही है. सूत्रों के अनुसार CM नीतीश कुमार पूरी तरह से BJP के क्रियाकलापों से नाराज चल रहे हैं और इसीलिए उन्होंने दिल्ली से दूरी बनाई है.