सिटी पोस्ट लाइव : जनतांत्रिक विकास पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अनिल कुमार ने आज पटना में प्रेस वार्ता कर नीतीश सरकार के 15 सालों के शासन को महाजंगल राज बताया और बिहार के मामलों में सीबीआई की भूमिका पर गंभीर सवाल खड़े किये। इस दौरान उन्होंने सीबीआई को तोता से आगे बड़ा चिडि़या बताया दिया। अनिल कुमार ने कहा कि आखिर बिहार में सीबीआई क्यों फेल हो जाती है। बीते 15 सालों में जितने भी केस नीतीश सरकार ने सीबीआई को भेजे हैं, उनमें एक भी केस में अब तक निष्कर्ष तक क्यों नहीं पहुंचा।
उन्होंने कहा कि पत्रकार राजदेव रंजन हत्याकांड, ब्रह्मेश्वर मुखिया हत्याकांड, नवरूणा हत्याकांड, सृजन घोटला, संतोष टेकरीवाल हत्याकांड, आकाश पांडेय अपहरण कांड, राहुल गौतम हत्याकांड, बूटन सिंह हत्याकांड, जमुई मूर्ति चोरी कांड समेत कई और ऐसे मामले हैं, जो सीबीआई के पास तो गए – मगर किसी भी मामले में सीबीआई आज तक किसी निष्कर्ष तक नहीं पहुंच सकी। मेरा आरोप है कि सुशासन की सरकार में अपराध को दबाने के लिए नीतीश सरकार ने केस सीबीआई को रेफर करने का काम किया।
दिवंगत अभिनेता सुशांत सिंह मामले सीबीआई जांच का जिक्र करते हुए कहा कि न्याय तो सबको मिलना चाहिए। लेकिन हमारे मुख्यमंत्री जी, किस खास वर्ग को न्याय दिलाने के लिए जितना आतुर हैं, उतना प्रदेश के शोषित, दलित, पिछड़ा, अतिपिछड़ों समाज के लिए क्यों नहीं। क्यों नीतीश कुमार ने बिहार की बेटी शशिकला, पुलिस कांस्टेबल स्नेहा मंडल, ई. अजय और अभिषेक जैसे शोषित, दलित पिछड़ा, अतिपिछड़ा समाज से आने वाले को न्याय दिलाने के लिए तत्परता क्यों नहीं दिखाई।
उन्होंने कहा कि क्या मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के लिए प्रदेश के शोषित, दलित, पिछड़ा, अतिपिछड़ा समाज के लोग मायने नहीं रखते। आखिर क्या वजह है कि वे सामंती लोगों को आगे नतमस्तक हैं। क्यों उनकी पुलिस इन समाज से आने वाले लोगों के खिलाफ हुए अपराध को दबाने की कोशिश करते हैं। क्यों वे एक खास वर्ग के लिए न्याय की बात करते हैं और शोषित, दलित पिछड़ा, अतिपिछड़ा समाज के लोगों के लिए आंख पर पट्टी बांध लेते हैं। यह एक गंभीर सवाल है, जिस पर हमें जवाब चाहिए।