सिटी पोस्ट लाइव : बिहार के जल संसाधन मंत्री संजय कुमार झा ने एक बार फिर फरक्का बराज की जल निकासी क्षमता और गंगा जल में अंतरराज्यीय और अंतराष्ट्रीय हिस्सेदारी पर पुनर्विचार का मुद्दा उठाया है. जल संसाधन मंत्री संजय झा ने कहा कि गंडक, बागमती, कमला, कोसी, महानंदा सहित कई नदियां नेपाल से पानी लेकर उत्तर बिहार में आती हैं फिर बिहार के मध्य में गंगा नदी में मिलती हैं. नेपाल में भारी बारिश होने पर ये नदियां अत्यधिक पानी और गाद लाती हैं, जिससे जलप्लावन की स्थिति बन जाती है.
संजय झा ने बिहार की इस दुर्दशा के लिए सीधे तौर पर नेपाल और केंद्र सरकार को जिम्मेदार ठहराते हुए कहा कि बिहार के बड़े इलाके में आने वाली बाढ़ के स्थायी समाधान के लिए नेपाल में प्रमुख नदियों पर हाई डैम बनाने की आवश्यकता है. इस मुद्दे पर भारत और नेपाल सरकार के बीच वार्ता का दौर दशकों से जारी है, पर अपेक्षित परिणाम नहीं निकला है. उन्होंने कहा कि फरक्का बराज बनने के बाद से गंगा नदी की तलहटी में गाद भर रहा है. गाद की वजह से गंगा नदी की अविरलता प्रभावित हुई है. फऱक्का बराज की जल निकासी क्षमता और गंगा जल में अंतरराज्यीय तथा अंतरराष्ट्रीय हिस्सेदारी पर पुनर्विचार की मांग बिहार वर्षों से कर रहा है.
गौरतलब है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार 2017 में पीएम मोदी के समक्ष गंगा की लगातार खराब होती हालत और गाद की वजह से बिहार में विनाशकारी बाढ़ के खतरे का मामला उठा चुके हैं.पीएम मोदी से सीएम नीतीश ने कहा था कि गंगा की अविरलता को बचाए बिना इसकी निर्मलता संभव नहीं है. नीतीश कुमार ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से गंगा की दशा का आकलन करने के लिए विशेषज्ञों की टीम को बिहार भेजने का अनुरोध किया था जिसे पीएम ने स्वीकार किया था. इसके बाद केंद्र से एक टीम आई थी और मुआयना किया था. लेकिन आगे कोई काम नहीं हुआ.