सिटी पोस्ट लाइव : कोरोना संकट को लेकर विपक्ष सरकार की घेराबंदी में जुटा हुआ है दूसरी तरफ बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार चुपचाप काम कर चुनाव से पहले आये इस आपदा की चुनौती को अवसर में बदलने में जुटे हैं. प्रवासी मजदूरों को रोजगार देने के लिए उन्होंने एक बड़ा फैसला ले लिया है. बिहार सरकार ने कुशल श्रमिकों कोरोजगार उपलब्ध कराने के लिए अब मुख्यमंत्री कामगार उद्यमी सह रोजगार सृजन योजना शुरू कर रही है. इसके तहत कुशल श्रमिक समूहों को भवन और कार्यशील पूंजी के लिए राज्य सरकार 10 लाख तक की राशि उपलब्ध कराएगी. हर समूह में कम से कम 10 कुशल श्रमिक शामिल होंगे.
रोजगार सृजन योजना के तहत बिहार के सभी जिलों में ऐसे दो-दो सामान्य सुविधा केंद्र स्थापित किए जाएंगे. योजना की स्वीकृति, संचालन और पर्यवेक्षण जिला पदाधिकारी की अध्यक्षता वाली समिति करेगी. उद्योग मंत्री श्याम रजक ने सभी जिला महाप्रबंधकों को समूह की दक्षता को देखते हुए उद्योग चयन में मदद करने के निर्देश दिए हैं. विभाग ने पहले मुख्यमंत्री क्लस्टर विकास योजना शुरू की थी. इसके तहत हर जिले में दो या उससे अधिक क्लस्टर बनाए जाने थे. अब इस योजना को बदलकर मुख्यमंत्री कामगार उद्यमी सह रोजगार सृजन योजना कर दिया गया है.
यह योजना कुशल श्रमिकों के एक स्वयं सहायता समूह के रूप में होगी, जिसमें हर समूह में कम से कम 10 लोग शामिल होंगे. यह वे लोग होंगे जो एक ही तरह के उत्पादन या दूसरे काम से जुड़े होंगे. इसमें उन्हीं श्रमिकों को शामिल किया जाएगा जिन्हें किसी कार्य विशेष का प्रशिक्षण प्राप्त हो या उस काम को करने का कम से कम एक साल का अनुभव हो. भविष्य में विभाग ऐसे समूहों को किसी पीएसयू कंपनी या एंकर उद्यमी से जोड़ने की कोशिश करेगा, ताकि उनको दीर्घकालीन सहायता प्रदान की जा सके. रघुवंश प्रसाद सिंह नीतीश कुमार की योजना को समझ रहे हैं. उनके ऊपर चुनावी तैयारी करने का आरोप भी लगा रहे हैं.