नीतीश सरकार ने 81 डॉक्टरों को किया सेवा से बर्खास्त.

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सिटी पोस्ट लाइव : नीतीश सरकार ने  81 डॉक्टरों को सेवा से बर्खास्त कर दिया है. इनमे से  64 डॉक्टर पिछले 5 सालों से ड्यूटी पर नहीं आ रहे थे. सरकार की इस कार्रवाई से चिकित्सा महकमे में हड़कंप मच गया है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में बिहार कैबिनेट की हुई बैठक में कुल 41 एजेंडों पर मुहर लगी. उद्योग विभाग के एजेंडे में अलग-अलग प्रस्ताव में कई प्रोजेक्ट को भी कैबिनेट ने आज अपनी स्वीकृति दे दी है. मुजफ्फरपुर, वैशाली, बेगूसराय, किशनगंज में कई प्रोजेक्ट को मंजूरी दी गई है.

 

शिक्षा विभाग के अंतर्गत जिन एजेंडों पर सरकार ने सहमति जताई है उसमें राज्य के विश्वविद्यालयों और अन्य महाविद्यालयों के शिक्षकों के प्रमोशन के लिए कैरियर एडवांसमेंट स्कीम दो हजार अट्ठारह के ऊपर भी स्वीकृति दी गई है.बिहार सरकार ने राज्य के प्राथमिक मध्य और माध्यमिक के साथ-साथ उच्च माध्यमिक विद्यालयों के लिए जनसहयोग से भूमि और भवन हासिल करने के साथ-साथ नामकरण की प्रक्रिया को स्वीकृति दी गई है. बीएन मंडल विश्वविद्यालय मधेपुरा में 18 विषयों में स्नातकोत्तर विभाग की स्थापना के साथ-साथ विश्वविद्यालय में बायोटेक्नोलॉजी विभाग की स्थापना और पटना लॉ कॉलेज के लिए सहायक अध्यापक, अध्यापक के 148 पदों को सृजित करने का भी फैसला लिया गया. इसके अलावा 41 कर्मियों के पद सृजन को भी मंजूरी दी गई है.

 

मंत्रिमंडल सचिवालय विभाग के अपर मुख्य सचिव सिद्धार्थ ने  मंत्रिमंडल के फैसले की विस्तृत जानकारी दी.राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग से जुड़े अलग-अलग प्रस्ताव में कैबिनेट ने रेलवे के लिए औरंगाबाद में 2 भूखंडों को हैंडओवर करने के प्रस्ताव पर भी अपनी स्वीकृति दे दी है. इसके अलावा दरभंगा में नगर विकास एवं आवास विभाग के लिए भूमि हस्तांतरण के प्रस्ताव पर भी नीतीश कैबिनेट की मुहर लग गई है. औरंगाबाद के रफीगंज अंचल में भी रेलवे के एक प्रोजेक्ट के लिए भूखंड की स्वीकृति पर मुहर लगा दी गई है . गया के बाराचट्टी में पावर ग्रिड की स्थापना के लिए भूखंड की स्वीकृति दी गई है.

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