अजब स्वास्थ्य व्यवस्था की गजब लापरवाही, छीन ली 24 से अधिक लोगों के आंखों की रोशनी

City Post Live - Desk

सिटी पोस्ट लाइव : बिहार के मुजफ्फरपुर आई हॉस्पिटल से बड़ी लापरवाही का मामला सामने आया है. ये लापरवाही ऐसी है जिसे क्षमा कर पाना मुश्किल है. यहां मोतियाबिंद का ऑपरेशन कराने वाले 24 से अधिक लोगों की आखों की रौशनी चली गई. इस घटना का उजागर होने के बाद स्वास्थ्य विभाग में हडकंप मच गया है. जानकारी अनुसार एक ट्रस्ट से संचालित मुजफ्फरपुर आई हॉस्पिटल में 22 नवंबर को पीड़ितों के मोतियाबिंद का मुफ्त ऑपरेशन हुआ था.अगले दिन पट्टी खुलने के बाद उन्हें कुछ भी दिखाई नहीं दे रहा था. सोमवार को सिविल सर्जन तक शिकायत पहुंची तो मामला उजागर हुआ.

बताया जाता है कि 24 से अधिक महिलाओं और पुरुषों ने मोतियाबिंद का ऑपरेशन करवाया था. लेकिन, महज एक सप्ताह के अंदर ही सभी के आंखों में इंफेक्शन हो गया. हालात इतने ज्यादा बिगड़ गए कि कई लोगों को अपना इलाज अन्य जिलों में जाकर भी करवाना पड़ा. लेकिन कुछ लोग दूसरी जगहों पर इलाज करवाने में सक्षम नहीं थे वैसे लोगों ने आई हॉस्पिटल पहुंचकर चेकअप कराया तो यह कहा गया कि इंफेक्शन हो गया है, आंखें हटानी पड़ेंगी अन्यथा दोनों आंखें इंफेक्शन के कारण खराब हो जाएंगी.

अस्पतालकर्मियों के द्वारा इस बात के कहे जाने के बाद मरीजों व उनके परिजनों का गुस्सा सातवें आसमान पर पहुंच गया. मरीजों के परिजनों ने अस्पताल में हंगामा करना शुरू कर दिया. स्थानीय लोगों का कहना था कि करीब 6 से अधिक लोग हैं जो बहुत ज्यादा परेशानी में थे. जिनका विभिन्न जगहों पर इलाज हुआ है और उनकी आंखों को निकाला गया है. सिर्फ इसलिए कि ठीक से ऑपरेशन नहीं हुआ. वहीं गंभीर संक्रमण के शिकार 15 मरीजों को पटना भेजा गया है.

आई हॉस्पिटल के सचिव दिलीप जालान ने बताया कि ऑपरेशन के बाद पांच-छह मरीजों की आंखों की रोशनी जाने का मामला सामने आया है। संख्या घट-बढ़ सकती है। संक्रमण गहरा होने के कारण छह की आंख निकालनी पड़ सकती है। बेहतर इलाज के लिए लोग पटना गए थे. उनमें कई लौटकर आ गए, जिनका इलाज चल रहा है. वहीं सिविल सर्जन डॉ विनय शर्मा ने कहा कि इस पूरे प्रकरण की गहनता से जांच के लिए तीन सदस्य डॉक्टरों की टीम बनाई गई है, जो 2 दिनों के अंदर अपनी रिपोर्ट जांच कर देंगे. जो भी दोषी होंगे उनके खिलाफ कठोर कार्रवाई होगी.

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