सिटी पोस्ट लाइव : एनडीए में सीट शेयरिंग के लिए घमासान मचा हुआ है। सीट शेयरिंग की खबरों के बीच तरह-तरह के फॉर्मूले सामने आ रहे हैं। खबरें ये भी है कि 2010 के विधानसभा चुनावों के तर्ज पर सीटों का बंटवारा होगा तो इधर एलजेपी ने 36 सीटों पर अपना दावा ठोक दिया है जिसमें वे अपने मनमाफिक 20 सीटों की मांग कर रही है। तो पुराने फॉर्मूले के मुताबिक एलजेपी को 25 से ज्यादा सीटें मिलती नहीं दिख रही। इन तमाम गतिविधियों के बीच एक कॉर्टून फोटो तेजी से वायरल हो रहा है। जिस पर तरह-तरह के कमेंट किए जा रहे हैं।खासकर एलजेपी समर्थक इस फोटो को तेजी से शेयर कर रहे हैं।
दरअसल ये फोटो एक अंग्रेजी दैनिक के द्वारा प्रकाशित किया गया है। जिसके बाद ये तेजी से वायरल होने लगा। फोटो में दिखाया गया है कि बीजेपी के पूर्व अध्यक्ष और वर्तमान में केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह के कंधे पर बैठ कर एलजेपी सुप्रीमो चिराग पासवान बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर तीर चला रहे हैं, इसकी कमान खुद शाह ने संभाल रखी है और इस तस्वीर के नीचे लिखा है ‘BJP SHOULD CONTEST MORE SEATES – CHIRAG PASWAN’
अब इस तस्वीर पर जहां एलजेपी के समर्थक खूब मजे ले रहे हैं और खूब शेयर कर रहे हैं तो विरोधी कई तरह के अर्थ निकाल रहे हैं। दरअसल एलजेपी इस तस्वीर को अपने पार्टी सुप्रीमो चिराग पासवान के उस बयान के तौर पर देख रही है जिसमें बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा से मुलाकात कर उन्होनें बीजेपी को ज्यादा सीटों पर लड़ने का प्रस्ताव दिया था। वहीं चिराग पासवान की अध्यक्षता में हुई बैठक में भी सभी सांसदों ने इस बात का समर्थन किया कि बिहार चुनाव में एनडीए गठबंधन के अंदर बीजेपी को सबसे ज़्यादा सीटों पर चुनाव लड़ना चाहिए।
हालांकि इस तस्वीर के दूसरे मायने भी लगाए जा रहे हैं। राजनीति की गहरी समझ रखने वाले जानकार बता रहे हैं कि इस तस्वीर के बहुत मायने हैं इसे केवल सीधे तौर पर चिराग पासवान के सुझाव के तौर पर नहीं देखा जाना चाहिए। थोड़ा अगर विश्लेषण करें तो बातें कुछ-कुछ समझ में आने भी लगती हैं। दरअसल चिराग पासवान अमित शाह के कंधे पर बैठ कर तीर चला रहे हैं।
आपने कहावत तो सुनी होगी कि ‘दूसरे के कंधे पर रख तक तीर चलाना’ यानि की आप जो बातें बोल नहीं पा रहे उसे दूसरे के जरिए बोलवा रहे हैं। कुछ ऐसा ही यहां किया जा रहा है। माना जा रहा है कि बीजेपी खुद बिहार विधानसभा चुनाव में ज्यादा से ज्यादा सीटें चाहती हैं, नहीं तो कम से कम लोकसभा चुनावों के तर्ज पर बराबरी की हिस्सेदारी तो जरुर चाहती है लेकिन नीतीश कुमार के तेवरों के आगे बीजेपी की चल नहीं पा रही तो अब बीजेपी चिराग पासवान का इस्तेमाल कर अपनी बातें जेडीयू तक पहुंचा रही है।
खैर तस्वीरें बोलती हैं, बोल भी रही हैं, बीजेपी का राज खोल भी रही हैं लेकिन इस पर कोई कुछ नहीं बोल रहा। अब सीटों के घमासान में सबकुछ जायज है। इसी बहाने चिराग की अगर लॉटरी लग गयी तो बढ़िया, बीजेपी के लिए रास्ता बन गया तो उत्तम और अगर कुछ भी नहीं हुआ तो खिसयानी बिल्ली खंभा नोचें की तर्ज पर सभी तय सीटों पर चुनाव लड़ने के लिए अंदर ही अंदर तैयार तो बैठे ही हैं क्योंकि सत्ता संग्राम में सभी को एक दूसरे की अहमियत का अहसास जरुर है।