सिटी पोस्ट लाइव : माता सीता को मिथिला की बेटी माना जाता है। यहा के लोग भगवान राम को जमाई तो वही माता सीता को अपनी बेटी की तरह मानकर उऩकी पुजा करते है माता सीता का मिथिला से एक अलग संबंध है तो वही दूसरी ओर मधुबनी पेंटिंग को मिथिला की पहचान और इसका वजूद माना जाता है। हाल के दिनों में मधुबनी पेंटिंग को बढ़ावा देने के लिये कई तरह के अभियान भी चलाये गये हैं, लेकिन इस बार मधुबनी पेंटिंग का देश और दुनिया में नाम हो इसके लिये माता सीता की मदद ली जा रही है।
सीतामढ़ी प्रशासन के द्वारा मधुबनी पेन्टिंग को देश और दुनिया में नई पहचान दिलायी जा सकी इसके लिये लगातार अभियान चलाया जा रहा है। इसकी कड़ी मे सीतामढ़ी के जिलाधिकारी के द्वारा वैसे धार्मिक स्थलों को मधुबनी पेन्टिंग से सजाने का काम कराया जा रहा है जिसका संबंध रामायाण काल से जुड़ा है। गौरतलब है कि सीतामढ़ी जिला रामायण काल से जुड़ा है और माता सीता इसी पवित्र स्थल से धरती के गर्भ से प्रकट हुई थी।
मंदिरों में माता सीता के बाल्य रुप से लेकर उनके विवाह विवरण तक को मधुबनी पेन्टिंग के जरिये दीवारो पर बेहतरीन तरिके से उतारने की कोशिश की गयी है। प्रशासन का ऐसा मानना है कि देश के कोने कोने से पर्यटक यहा आते है वे यहा भगवान राम और माता सीता के दर्शन के अलावा मधुबनी पेन्टिंग के बेहतरीन कलाकारी को देखेंगे और इसकी यादों को अपने साथ ले जायेंगे । आने वाले समय मे मधुबनी पेन्टिंग को अपनी नई पहचान मिल सके इसके लिये कई और तरह के प्रयास करने की योजना सीतामढ़ी जिला प्रशासन के पास है ।