सिटी पोस्ट लाइव : ये बात जानकार आपको अटपटा सा जरूर लगेगा, कि एक महिला 5 वर्ष 8 माह 27 दिन की उम्र में ही मां बन गई. लेकिन यह तथ्य कागजी रूप में सत्य पाया गया है। झंझारपुर प्रखंड की एक पूर्व महिला पंच मात्र 5 वर्ष 8 महीना 27 दिन की उम्र में मां बनी थी। यह खुलासा उसी पूर्व महिला पंच के द्वारा आंगनबाड़ी सेविका चयन के लिए दिए गए आवेदन में उपलब्ध कागजात के आधार पर सामने आई है। रैयाम पूर्वी पंचायत के पट्टी टोल गांव स्थित आंगनबाड़ी केंद्र संख्या 196 का यह मामला है, जो वर्ष 2018 से ही लटका है। यहां सेविका का चयन आपत्ति और विवाद के कारण अब भी पूरा नहीं हो सका। एसडीओ शैलेश कुमार चौधरी के निर्देश पर तीसरी आमसभा करने गए झंझारपुर सीओ कन्हैया लाल ने सेविका पद के लिए पूर्व पंच रेखा देवी के चयन करने की घोषणा तो कर दी, मगर उन्हें प्रमाण पत्र नहीं दिया गया। सीओ ने कहा कि आपत्ती के मद्देनजर जिला प्रोग्राम पदाधिकारी से मार्गदर्शन मिलने के बाद चयन पत्र निर्गत किया जाएगा।
दिलचस्प बात यह है कि इसी आंगनबाड़ी केंद्र के लिए हुई दूसरी आम सभा के दौरान औपबंधिक मेधा सूची में दूसरे नंबर पर रहने वाले आवेदिका कल्याणी देवी का चयन किया गया था। उन्हें भी नियोजन पत्र न देकर, जिला प्रोग्राम पदाधिकारी से मार्गदर्शन के बाद नियोजन पत्र देने की बात कही गई थी। यह सारा तथ्य, सारी कवायद आंगनवाड़ी सेविका पद के लिए की जा रही है। तीसरी आमसभा में तमाम आपत्ति को दरकिनार करते हुए सीओ के द्वारा रेखा देवी के चयन किए जाने के बाद कई तरह के सवाल खड़े हो रहें है। औपबंधिक मेघा सूची में दूसरे नंबर पर आने वाली आवेदिका कल्याणी देवी ने बताया कि रेखा देवी जब पंच पद के लिए नामांकन पर्चा दाखिल की थी तो दिए गए शपथ पत्र के अनुसार मार्च 16 में उनका उम्र 39 वर्ष थी। जो जुलाई 2018 में 41 वर्ष हो जाती है। इसी समय सेविका पद का आवेदन किया गया।
सेविका के लिए अधिकतम उम्र सीमा 40 वर्ष निर्धारित है। इस बाधा को दूर करने के लिए पूर्व पंच रेखा देवी मध्यमा संस्कृत बोर्ड का प्रमाण पत्र प्रस्तुत किया। जिसमें उनकी उम्र 10 वर्ष कम थी। यह अंतर देख कर रैयाम पूर्वी पंचायत के दयानिधि मिश्र ने हाई स्कूल में पढ़ रहे रेखा देवी के पुत्र का जन्म तिथि स्कूल अभिलेख से सूचना अधिकार के तहत मांगा। स्कूल के हेडमास्टर द्वारा दिए गए जवाब से यह स्पष्ट हुआ था कि रेखा देवी मात्र 5 वर्ष 8 महीना 27 दिन में ही मां बन गई थी। जो कहीं से भी विश्वसनीय नहीं है। लेकिन पद पाने के लिए ऐसे ही कई तरह के अविश्वसनीय कारनामे किए जाते हैं। चयन प्रक्रिया के दौरान अधिकारी ने खुद बताई आपत्ति की बात, जिससे उम्र की तथ्य सामने आती है। जरा गौर से सुने इनकी बात
इसके अलावा आरोप है कि रेखा देवी सेविका का आवेदन करते वक्त पंच थी। बाद में इस्तीफा दिया। दूसरी आवेदिका कल्याणी देवी के पति भरत कुमार झा ने आपत्ति जताई थी। जांच में प्रखंड निर्वाची पदाधिकारी सह विकाश पदाधिकारी ने इस्तीफा पत्र पर रेखा देवी का हस्ताक्षर को फर्जी करार दिया। तत्कालीन BDO इस बात की जांच कर प्रतिवेदन दिया था। वहीं BDO ने पाया था कि आवेदन देते वक्त रेखा देवी पंच थी। बाद में बैंक डेटिंग कर अपना इस्तीफा दिया। इतना ही नहीं जब वह इस्तीफा देने की कथित तिथि के बाद भी तीन माह तक रेखा देवी पंच का मानदेय भी लिया। अगर वह इस्तीफा दे दी थीं तो फिर मानदेय किस आधार पर ली?।
कल्याणी कुमारी के द्वारा रेखा देवी के उपर कुल 7 आरोप लगाया गया। लेकिन सीओ कन्हैया लाल सभी आरोपों को नजरंदाज करते हुए रेखा देवी का चयन किया गया। यह घोषणा होते ही कल्याणी कुमारी के समर्थकों के हंगामा शुरु कर दिया। जिसका फला फल हुआ कि नियोजन के बाद पत्र नहीं दिया गया। रैयाम पूर्वी पंचायत के आंगनबाड़ी केंद्र संख्या 196 के मामले में वरीय पदाधिकारी को निष्पक्ष भाव से तथ्यात्मक बातों की जानकारी लेकर सही फैसला करने की जरूरत है। ताकि पद पाने की लालसा में गलत प्रमाण पत्र प्रस्तुत करने वाले लोगों को एक संदेश मिल सके।