25 लाख से ज्यादा लोग बाढ़ से है प्रभावित, अब तक 34 कि गई जान
बता दे कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सोमवार को बाढ़ प्रभावित इलाकों का हवाई सर्वेक्षण किया. बिहार के जिन इलाकों में बाढ़ का सबसे ज्यादा असर है, उनमें अररिया, किशनगंज, सुपौल, दरभंगा, शिवहर, सीतामढ़ी, पूर्वी चंपारण, मधुबनी, मुजफ्फरपुर, पूर्णिया और सहरसा जिला शामिल हैं. आधिकारिक रिपोर्ट के मुताबिक, राज्य के 77 प्रखंडों की 546 पंचायतों के 25 लाख से ज्यादा लोग बाढ़ से प्रभावित हुए हैं.
मुख्यमंत्री ने बाढ़ प्रभावित सभी क्षेत्रों में राहत और बचाव कार्य तेज करने का निर्देश दिया है. ग्रामीण कार्य विभाग और पथ निर्माण विभाग के अधिकरियों को बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का हवाई सर्वेक्षण कर स्थिति का जायजा लेने और संपर्क से कटे हुए स्थानों की संपर्कता तुरंत बहाल करने का निर्देश दिया है. हवाई सर्वेक्षण के दौरान मुख्य सचिव दीपक कुमार, जल संसाधन विभाग के अपर मुख्य सचिव अरुण कुमार, आपदा प्रबंधन विभाग के प्रधान सचिव प्रत्यय अमृत और मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव चंचल कुमार भी साथ थे. इस बीच नेपाल से आने वाली नदियों का जलस्तर बढ़ता देखा जा रहा है. बिहार जल संसाधन विभाग के प्रवक्ता अरविंद कुमार सिंह ने सोमवार को बताया कि बागमती ढेंग, सोनाखान, डूबाधार, कनसार और बेनीबाद में खतरे के निशान से ऊपर बह रही है, वहीं कमला बलान नदी जयनगर और झंझारपुर में और महानंदा ढेंगराघाट और झावा में खतरे के निशान से ऊपर बह रही है.
मुजफ्फरपुर जिले में बागमती के उफानाने से कटरा और औराई में बाढ़ ने भयावह रूप ले लिया है. दो हजार से अधिक घरों में बाढ़ का पानी घुस गया है.लोग जान बचा कर भाग रहे है. पूर्वी चंपारण के नए इलाकों में पानी तेजी से घुस रहा है. सुपौल में भी नए क्षेत्रों में बाढ़ का पानी घुस गया है. बाढ़ से सीतामढ़ी के गांवों की स्थिति और बदतर हो गई है. सीतामढ़ी के कई गांवों के बाढ़ पीड़ितों का कहना है कि अभी तक राहत और बचाव कार्य शुरू नहीं किया गया है.