सिटी पोस्ट लाइव : कोरोना की वजह से अपनी नौकरी और कामकाज से हाथ धो बैठे मजदूरों को लेकर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी बेहद चिंतित हैं.उन्होंने संकट में प्रवासी मजदूरों को रोजगार उपलब्ध कराने के लिए एक मेगा प्लान तैयार करने का निर्देश दे दिया है. मोदी सरकार गरीब कल्याण रोजगार अभियान योजना की शुरुवात 20 जून को करेगी. इस अभियान के दौरान लॉकडाउन में अपने राज्यों और गांव वापस लौटने वाले लाखों लोगों के रोजगार और पुनर्वास के लिए पूरा खाका तैयार किया गया है. प्रधानमंत्री कार्यालय के मुताबिक 6 राज्यों के116 जिलों में 125 दिनों तक यह अभियान चलेगा. अभियान के सरकारी तंत्र प्रवासी श्रमिकों की सहायता के लिए मिशन मोड में काम करेंगे.
गौरतलब है कि इससे पहले मोदी सरकार प्रधानमंत्री गरीब कल्याण पैकेज के तहत करीब 42 करोड़ गरीबों को 53,248 करोड़ रुपये की वित्तीय सहायता उपलब्ध करा चुकी है. सरकार ने कमजोर तबकों को कोरोना संकट से राहत देने के लिये 26 मार्च को 1.70 लाख करोड़ रुपये के राहत पैकेज की घोषणा की थी. पैकेज में गरीबों को मुफ्त अनाज, और महिलाओं, बुजुर्गों, किसानों तथा अन्य को नकद सहायता उपलब्ध कराना शामिल है.
सूत्रों के अनुसार मनरेगा को कृषि से जोड़ने की राज्य सरकारों की मांग पर भी मोदी सरकार गंभीरता सविचार कर रही है.गौरतलब है कि ज्यादातर प्रवासी मजदूरों को मनरेगा के तहत ही काम मिल रहा है.अब राज्य सरकारें 100 दिन की जगह 200 दिन इस योजना के तहत रोजगार की गारंटी देने की मांग कर रही है.बिहार सरकार के ग्रामीण विकास मंत्री श्रवन कुमार के अनुसार उनकी सरकार केंद्र सरकार से ये दोनों मांगे कर चुकी है. सबसे खास बात ये है कि यूपीए सरकार में इस योजना की शुरुवात करनेवाले RJD नेता रघुबंश प्रसाद सिंह भी मनरेगा को कृषि से जोड़ने की मांग कर रहे हैं.
Comments are closed.